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योगी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रांकन वाले 27000 स्कूलों को चिन्हित करने की बात आई सामने

ByBKT News24

Nov 9, 2024


सरकारी स्कूलों को बंद करने की मंशा के खिलाफ आप का हल्ला बोल

 

योगी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रांकन वाले 27000 स्कूलों को चिन्हित करने की बात आई सामने

 

झांसी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को लेकर हाल ही में मीडिया में आई खबरों के अनुसार 27,000 सरकारी स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई गई है। यह प्रदेश सरकार द्वारा 2020 तक बंद किए गए 26,000 स्कूलों के बाद अब एक नया कदम है।योगी सरकार की इस मंशा के खिलाफ प्रदेश स्तर पर किये जाने वाले विरोध प्रदर्शन के अंतर्गत जिला।कलेक्ट्रेट झांसी में आप कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया तथा राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।इस मौके पर जिलाध्यक्ष अरशद खान ने कहा कि सरकारी स्कूलों को बंद करने का प्रयास न केवल सरकार की नीतियों को संदिग्ध बनाता है बल्कि यह सीधे तौर पर बाबा साहब की संविधान के माध्यम से गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग को सशक्त करने की सोच के खिलाफ है, यह कदम गरीब तबके के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। महानगर अध्यक्ष गयादीन कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा जानबूझकर सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता देने और उन्हें खोलने की नीति अपनाई जा रही है, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्र की संख्या कम हो सके और उन्हें बंद करने का रास्ता तैयार हो। यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है।इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए कार्यकर्ताओं ने मांग की कि हर जनपद के हर ब्लॉक में ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर कार्यवाही की जाए, जो सरकारी विद्यालयों के पास स्थित हैं और अवैध रूप से खोले गए हैं। यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि इन निजी विद्यालयों की अनुमति देने से सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या घटती है और उनका अस्तित्व संकट में आ जाता है। सरकारी विद्यालयों को बंद करने के प्रयास से न केवल छात्रों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, बल्कि इससे कई योग्य शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे, जो पहले से राज्य सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास कर चुके हैं। इस कदम से सरकारी शिक्षा का ढांचा कमजोर होने के साथ साथ सामाजिक असमानता और आर्थिक विषमताओं को बढ़ावा मिलेगा। राष्ट्रपति महोदया द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेकर सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों पर तुरंत रोका लगाई जाए। और सरकारी विद्यालयों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रहे।इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अरशद खान, महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा, प्रांतीय सचिव पुत्तू सिंह कुशवाहा, किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी परवेज,जिला महासचिव आशीष तिवारी,व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष राजेश सिंह भदोरिया, महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष सीमा कुशवाहा,जिला उपाध्यक्ष तुलसीदास कुशवाहा,महानगर उपाध्यक्ष इम्तियाज खान, जिला कोषाध्यक्ष मोहित पिंचोली,महिला प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष भाग्य लक्ष्मी अय्यर,महानगर महासचिव एड नीलम चौधरी,किसान प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष सोनू पीटर आदि उपस्थित रहे।


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