NICU अग्निकांड की लीपा पोती के विरोध में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन
जांच रिपोर्ट हास्यास्पद एवं पीड़ितों के ज़ख्मों पर नमक रगड़ने के समान
झांसी। विगत 15 नवंबर 2024 को मेडिकल काॅलेज झाॅंसी के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई ;(NICU) में भीषण अग्निकाण्ड हुआ जिसमें एक दर्जन नवजात शिशुओं की आग से जलकर दर्दनाक मौत हो गई तथा दर्जनों शिशुओं को गम्भीर अवस्था में विभिन्न स्थानों पर भर्ती कराया गया।समाचार पत्रों में झाॅंसी मण्डल आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट आने पर आम आदमी पार्टी उग्र हो गई, रिपोर्ट में कहा गया कि उक्त घटना के पीछे किसी की भी लापरवाही नहीं पायी गई और न ही किसी की जिम्मेदारी तय की गई। पार्टी के बुंदेलखंड प्रांत के प्रभारी विवेक जैन ने कहा कि इस जाॅंच रिपार्ट से जहाॅं एक ओर तमाम लोग आश्चर्यचकित हैं वहीं इस रिपोर्ट ने अग्निकाण्ड में जल कर भस्म हो चुके नौनिहालों के माॅं-बाप के हरे जख्मों पर नमक रगड़ने का काम किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि अग्निकाण्ड की हृदय विदारक घटना ने जिन सवालों को जन्म दिया था उन पर बारीकी से जाॅंच नहीं की गई और काफी सारे सवाल अभी भी अनुत्तरित बने हए हैं।जिलाध्यक्ष अरशद खान ने कहा कि एक तरफ एक परिजन का बयान काफी वायरल हुआ है जिनका कहना था कि ऑक्सीजन पाइप को मुलायम करने के लिये स्टाफ द्वारा जलायी गई माचिस से आग लगी। वहीं दूसरी ओर जांच रिपोर्ट में शॉर्ट सर्किट से आग लगना बताया जा रहा है, यदि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है तो क्या कथित तौर पर विश्व स्तरीय सुविधाएं से युक्त वार्ड में ओवर लोडिंग या शर्ट सर्किट की स्थिति में काम करने वाले फ्यूज़, एम0सी 0बी0 जैसे सर्किट ब्रेकर उपकरण नहीं लगे थे या लगे थे तो क्या ये उपकरण खराब थे?जिला प्रभारी डॉ श्रद्धा चौरसिया ने कहा कि आग लगने पर सायरन क्यों नहीं बजा, सायरन लगा नहीं था या खराब था? इसके लिये कौन ज़िम्मेदार है? जो अग्निशमान यंत्र वार्ड में लगे थे क्या वे काम नहीं कर रहे थे? ऐसा कैसे संभव है कि इतनी बड़ी घटना जिसमें लगभग एक दर्जन बच्चे जल कर भस्म हो गये उसका कोइ् भी जिम्मेदार नहीं है? यदि इस अग्निकांड के लिए मेडिकल प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है तो क्या इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय दोषी नहीं हैं? महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा ने कहा कि इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि मेडिकल काॅलेज का स्टाफ अपनी ड्यूटी पूरी तत्परता से नहीं करता जिसका कारण मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टरों एवं स्टाफ का सरकारी वेतन के साथ साथ प्राइवेट प्रैक्टिस व अन्य स्रोतों से भी पैसा कमाने पर ध्यान लगा रहना है जिसके कारण वे अपनी ड्यूटी अथवा ज़िम्मेदारियों पर ध्यान नहीं देते जिसके परिणामस्वरूप लोग अपनी जान जोखिम में डालने को या अपना आर्थिक शोषण कराने को मजबूर हो जाते है।
ज्ञापन के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं ने मांग की कि
– घटना की उच्च स्तरीय जाॅंच हाई कोर्ट की निगरानी में कराई जाय।
– मृतक बच्चों के परिजनों को एक-ण्क करोड़ एवं घायल एवं झुलसे बच्चों को पांच लाख का मुआवज़ा दिया जाय।
– CMS एवं प्राचार्य को तत्काल हटाया जाय जिससे निष्पक्ष जाॅंच हो सके।
– प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डाॅक्टर एवं कर्मचारियों को चिन्हित कर नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जाय।
– अवैध नर्सिग होमो एवं अस्पतालों की जाॅंच कर मानक पूरे कराये जायें, न कर पाने पर तुरन्त बन्द किये जायें। सभी निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र, लाइसेंस आदि रिसेप्शन काउंटर पर प्रदर्शित करना अनिवार्य किया जाए।विरोध प्रदर्शन में बुंदेलखंड प्रांत अध्यक्ष विवेक जैन, जिला प्रभारी श्रीमती डॉक्टर श्रद्धा चौरसिया, जिला अध्यक्ष अरशद खान, महानगर अध्यक्ष ग्यादीन कुशवाहा, प्रांतीय सचिव पुत्तू सिंह कुशवाहा, पार्षद आशीष रैकवार, किसान प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी परवेज, व्यापार प्रकोष्ठ जिलाअध्यक्ष राजेश भदौरिया, महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष सीमा कुशवाहा, एडवोकेट अनुराग मिश्रा, CYSS प्रदेश उपाध्यक्ष सचिन साहू, पूर्व जिलाध्यक्ष कैलाश कुशवाहा, युवा जिला अध्यक्ष आशीष पाल, वरिष्ठ नेता साजिद निसार सिद्दीकी, महिला उपाध्यक्ष भाग्यलक्ष्मी अय्यर, महानगर महासचिव एडवोकेट नीलम चौधरी, जिला उपाध्यक्ष तुलसीराम कुशवाहा जिला महासचिव आशीष तिवारी, जिला कोषाध्यक्ष मोहित पंचोली, महानगर उपाध्यक्ष इम्तियाज खान, महानगर उपाध्यक्ष मोहम्मद इमरान, पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनुरुद्ध प्रताप सिंह, नगर अध्यक्ष बरुआसागर अशोक कुशवाहा बरुआसागर, रहमान मंसूरी , एमके चंदेले, हेमंत सक्सेना, विष्णु सेन,शगुन सिंह, मुन्नालाल कुशवाहा , सत्येंद्र शर्मा पंचायत प्रकोष्ठ रामपाल सिंह परिहार विनोद सेन ओम प्रकाश शर्मा यशवंत आर्य, राघव पाल, मोहम्मद अली विनोद शर्माआदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
