जमाने भर में है चर्चा मेरे सरकार बांसा का
झांसी। आस्तान-ए-रज्जाकिया बांसा शरीफ में जश्ने चरागाँ व कुल शरीफ की फातेहा कर सय्यद शाह उमर अहमद जीलानी की जेरे निगरानी में सय्यद शाह गुलाम दोस्त मुहम्मद रहमतुल्लाह अलैहि का 255वां उर्स मनाया गया। खानकाह में कुल शरीफ की महफिल सजाई गई। इसमें शामिल होकर अकीदतमंदों ने कुरान की तिलावत की और फातेहा पढ़ कर नजरान-ए-अकीदत पेश कर मुल्क और कौम की तरक़्क़ी के लिए दुआये खैर की।इस मौके पर दूर-दराज से अकीदतमंद व मुरिदीन आये फातेहा व लंगर में शरीक हुए। आस्तान-ए-अपिया हुजूर पुलिया नम्बर नौ से सूफ़ी अफराज हुसैन सिद्दीकी के जेरे सरपरस्ती में एक बस भरकर दरगाह शरीफ बांसा आये अकीदतमंदों ने बताया कि हम लोग अपने बुजुर्गों के साथ सदियों से आ रहे है सरकार की रहमत हमारे पूरे परिवार पर रहती है इनके करम व दुआओं के असर से बड़ी-बड़ी बीमारीयों में शिफा मिलती है यहां जिन्नातों की हाजरी लगती है। वहीं झांसी स्थित अस्तान-ए-अपिया हजूर पुलिया नंबर नौ में भी लंगर व कुरआन खानी व ब्यान कर कुल शरीफ मनाया गया। आस्तान-ए-सय्यद शाह अब्दुल रज़्ज़ाक कादरी बांसवी रहमतुल्लाह अलैहि जिला बाराबंकी में पीरो मुर्शिद सज्जादा नशीन सय्यद शाह उमर अहमद जीलानी रज्जाकी ने बताया की पुरानी दरगाह बांसा शरीफ में उर्स पूरी शानोशौकत से मनाया जाता आ रहा है । यहां पूरे मुल्क से अकीदतमंद आकर अपनी हाजरी देते है मिन्नत-मुरादें मांगते हैं। इस दौरान अल्लाह से दुआ की गई व नमाज़ को पाबन्दी के साथ पढने व जाहिलियत की बुरी रस्मों को खत्म करने का पैगाम दिया। उन्होंने नौजवानों से बुरे लोंगों की सोहबत में बैठने व बुराईयों से दूर रहने की अपील की। इस दौरान मौलाना तौहीद आलम वारसी कादरी रज्जाकी ने सरकार की शान ब्यान की। कारी इमरान , सय्यद बशारत अली, कारी जमील , कारी सलमान, कारी सलीम , शफीक हाफिज , हाफिज अजहर , अब्दुल रहमान , सादिक , नसीम , अहसान , अरबाज , उस्मान , आशिक, करामत , इम्तियाज , शाकिर , अहसान , रेहान वारसी, हिदायत अली रज्जाकी, उमर टेन्ट, चौधरी उवैस, शकील, हाफिज जैद, आरिफ़ खान, कय्यूम, सुल्तान, जफर, महताब आदि मौजूद रहे।