महाकुम्भ मात्र अमृत स्नान नहीं, अपितु सनातन जीवन दर्शन है : डॉ कृष्णगोपाल
प्रयागराज। मोक्षदायी प्रयागराज महाकुम्भ में हिन्दी साहित्य भारती (अन्तरराष्ट्रीय) का चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय उपवेशन 2025 का भव्य शुभारम्भ परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज के मुख्य अभ्यागत एवं सानिध्य, अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रवींद्र शुक्ल की अध्यक्षता एवं डॉ. कृष्णगोपाल सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, डॉ कृष्णप्रकाश अपर पुलिस महानिदेशक महाराष्ट्र, डॉ. बैद्यनाथ लाभ कुलपति सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान विश्वविद्यालय, श्री ओमप्रकाश पाण्डेय अन्तरिक्ष वैज्ञानिक की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। दीप प्रज्वलन के पश्चात सुविख्यात संगीतकार पण्डित समीर भालेराव द्वारा सरस्वती वन्दना एवं ध्येय गीत प्रस्तुत किया गया एवं अतिथियों को शॉल श्रीफल, अंगवस्त्र एवं अभिनन्दन पत्र देकर सम्मानित किया गया। हिन्दी साहित्य भारती के जिलाध्यक्ष संजय तिवारी राष्ट्रवादी ने बताया कि 14,15, 16 फरवरी को परमार्थ निकेतन शिविर आश्रम में आयोजित चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय उपवेशन में देश विदेश के साहित्य साधकों का एक महाकुम्भ प्रयागराज महाकुम्भ में साकार हो रहा है, त्रिदिवसीय उपवेशन में राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी साधक राष्ट्रचिंतन करेंगे और सांगठनिक चर्चा, सदस्यता एवं आगामी प्रस्तावित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विस्तृत विमर्श होगा। सांस्कृतिक संध्या में देश के जाने माने शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित समीर भालेराव का शास्त्रीय गायन और सुविख्यात कथक नृत्यांगना सुश्री रक्षिता शर्मा का कथक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। 15 फरवरी को आयोजित विराट कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रान्तों के अलावा सुदूर देशों से आए काव्य साहित्यिक हिन्दी साधक सहभाग करेंगे। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. ब्रजेश पाण्डेय के अनुसार 16 फरवरी को समापन सत्र में सभी साहित्य साधकों को आवश्यक मार्गदर्शन एवं निर्देश प्राप्त होंगे और समस्त हिन्दी साधक विदा लेंगे।