अंत्योदय के प्रणेता रहे पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के पद चिन्हों पर चलने का किया आहवान
मथुरा। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा की मान्यता हेतु सतत प्रयासरत पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ द्वारा मानव एकात्मवाद एवं अंत्योदय के प्रणेता रहे पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्य तिथि पर विचार गोष्ठी एवं भंडारे का भव्य आयोजन किया गया।विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रुप में राष्ट्रीय कथावाचिका सुश्री दीपा मिश्रा ने उपस्थित लोगों से पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के पद चिन्हों पर चलने का किया आहवान किया। उन्होंने कहा वह समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते थे हम सभी को भी उनके द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलकर राष्ट्रोत्थान के साथ ही समाज के प्रत्येक वर्ग के हित को ध्यान में रखना होगा ।सबका विकास तभी संभव होगा जब हम शिक्षा के साथ ज्ञान, ध्यान और विज्ञान का महत्व से सभी को अवगत कराएं।कार्यक्रम में भगवताचार्य पं. जानकी बल्लभ शास्त्री ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव एकात्मवाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के अल्पायु में गोलोक सिधारने के बाद भी समाज को एक नई दिशा देने का काम किया।विचार गोष्ठी के साथ ही पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में भव्य भंडारे का आयोजन किया ।कार्यक्रम में प्रदीप शर्मा, संजय शर्मा , आनन्द दुबे, मनोज शर्मा आदि उपस्थित रहे।