भगवान के मुख से निकली वाणी है भागवत कथा – जगतगुरु रामदिनेशाचार्य
श्रीमद भागवत कथा में जड़भरत,अजामिल व प्रह्लाद चरित्र के प्रसंगों की कथा सुनाई
झाँसी। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में आज तृतीय दिवस श्री गौड़ बाबा सिद्धाश्रम खातीबाबा पर कथा श्रवण कराते हुए पूज्य जगतगुरु श्री राम दिनेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि भागवत अर्थ भगवान के मुख से निकली वाणी भागवत कथा है। परमात्मा को सरल शक्ति बनाती है साथ ही जड़, भरत, अजामिल, प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई और कहा कि प्रहलाद कि अटूट भक्ति के बारे में महाराज ने कहा कि उस पांच साल के बाल भक्त को स्वयं उसके पिता ने कहा कि तू उस नारायण विष्णु को भगवान मानना छोड़ दें। उनकी भक्ति करना छोड़ दें वरना मैं तुम्हें जान से मार डालूंगा। पर प्रहलाद नही माने। अंत में भी श्रद्धा से उस नारायण को ही पुकारा। तब भगवान खंभे से नरसिंह रुप में प्रकट हो गए। इस घटना में प्रहलाद ने संसार को बताया कि भगवान सर्वव्यापी तो है पर वह बिना श्रद्धा भक्ति और प्रेम के प्रगट नहीं होते। पूज्य महाराज श्री ने बताया कि जब धर्म मार्ग में अपने ही विरोधी हो जाए तो भी अपनी भगवत भक्ति नहीं छोड़नी चाहिए। भागवत पूजन मुख्य अतिथि मा.प्रदीप जैन आदित्य पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार व मुख्य परीक्षित श्रीमती उर्मिला रामस्वरूप गुप्ता ने किया। तथा इस अवसर पर मुख्य रूप से पं.मैथलीशरण मुदगिल,रामआसरे गुप्ता,अनिल सुडेले,पियूष रावत,इंजी.शशिकांत द्विवेदी,ए.के.सोनी,रामबाबू यादव,दिलीप मुदगिल,राम कुशवाहा,गनेश खरे,बृजेन्द्र श्रीवास्तव,डॉ.दीपक रायजायदा,हिर्देश चतुर्वेदी रानू महाराज,नितिन चतुर्वेदी,प्रवीण शास्त्री,आलोक शास्त्री,हरिओम शास्त्री,रिछारिया महाराज,रामकुमार ज्ञानी,चंद्रमोहन तिवारी,विश्वनाथ मिश्रा,संतोष अंजनी आदि भक्तगण उपस्थित रहे व कार्यक्रम का संचालन मुख्य संचालक पं.सियारामशरण चतुर्वेदी ने किया। अंत मे आभार ज्ञापन मुख्य संयोजक आचार्य विनोद चतुर्वेदी ने किया।
