झांसी। आज दिनांक 07 नबम्वर को 49वाँ बुन्देलखण्ड योग, संगीत सम्मेलन एवं संगीत प्रतियोगितायें के अन्तर्गत अंतिम दिन संगीत सम्मेलन में की शुरूवात असंलु टुकूरबार के सारंगी वादन से हुआ। आपने राग यमन में विलम्बित एवं दु्रतगत प्रस्तुत करके आने वाले कलाकारों के लिए एक संगीतमय माहौल बना दिया आपके साथ तबले पर सुप्रसिद्ध अन्तराष्ट्रीय तबला वादक आनन्द चटर्जी के शिष्य झाँसी के कमल प्रकाश ने मधुर संगत की। इसके सांरगी वादन के उपरांत झाँसी उभरती शास्त्रीय गायका कु0 कल्याणी श्रीवास्तव ने अपने गायन का आरम्भ वनारस घर आने की ठुमरी ’’अब न बजाओं, श्याम मुररिया’’ से जो विलम्बित दीपचन्दी ताल में निवद्ध थी इसके उपरंात सुमधुर भजन गाकर श्रोतों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आपके साथ तबले पर संगत प्रियंाशी कश्यप एवं हरमोनियम पर कोस्तुक श्रीवास्तव ने संगत की। इसके पश्चात दिल्ली से पधारे अन्तराष्ट्रीय तबला वादक पं0 सचिन शर्मा द्वारा विलक्षण तबला वादन प्रस्तुुत किया गया। आपने 50 मिनट तक चले तबला वादन में विभिन्य लयकारियों के पेशकार, कायदे, गतें, परने तीन ताल में प्रस्तुत करके कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित संगीत प्रेमियों को बार-बार ताली बाजने के लिए बाध्य कर दिया। सचिन के तबला वादन के उपरांत जबलपुर से पधारे भारत के उभरते हुये नृत्यक श्री अखिलेश पटेल ने अपनी प्रस्तुति में काल का स्तुति तीन ताल में ताल पक्ष, सबरी भजन एवं कृष्ण राधा होली प्रस्तुत करके कार्यक्रम स्थल को नृत्य की दिव्य अनुभूतियों से अभिभूत कर दिया। इसके उपरांत दिल्ली से पधारे सर्वश्रेष्टनाथ मिश्रा ने अपना गायन विलम्बित एवं छोटा ख्याल जो राजश्री में निबद्ध था इसके उपरांत आपने छोटा ख्याल जो राग माल कोष में निबद्ध था की प्रस्तुति की अंत में आपने कण प्रिय ठुमरी प्रस्तुत कर श्रोतों को जिसको सुनकर संगीत स्थल तालियों की आवाज से गुंज उठा। इसके उपरांत दिल्ली से पधारे सुप्रसिद्ध वांसरी वाधक श्री रागयमन द्वारा विलम्बित रूप ताल में निवद्ध राग यमन की मनमोहक गत प्रस्तुत की और आपने अन्त में मध्य एवं दु्रत तीन ताल में गत प्रस्तुत करके अपने बांसुरी वादन को और अधिक आकर्षक बना दिया। इसके उपरांत गुड़गावं से पधारी राष्ट्रीय स्तर की कत्थक नृतांगना ललिता कुंदू ने अपने कत्थक नृत्य के माध्यम से अनेकों श्रीलेखा मुखर्जी एवं पं0 राम मोहन जी महाराज जो ब्रजू महाराज के पुत्र है आप लखनऊ घर आने से सम्बन्ध रखती हैं आपने अपने नृत्य का आरम्भ शिव वंदना से किया थाट, उपज, टुकरा, टोरा, चक्करदार परन, तैहाई, दिपादी, त्रिपादी, चक्करदार गिनती, कवित्र, पदकार्य लड़ी, ठुमरी आदि ’’डगर चलत देखो श्याम करे।’’ प्रस्तुति दी। आपने घंुघरू व तबले के जुगलबंदी पर प्रस्तुति दी। इसके पूर्व प्रातः कालीन सभा में कांगड़ा से पधारे योगाचार रोहित शर्मा ने विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया इसके उपरंात गीता के 15वें अध्याय की व्याख्या करते हुये इं0 एस0के0 खरे एवं कांगड़ा से पधारे गोपाल पुरी ने बताया कि इस संसार में ऊध्र्वमूलमधः शाखा वाले इस वृक्ष की माया में हम फंसे हुये है जिससे निकलने का सबसे सहज रास्ता वेदों का पठन-पाठन नाम का जप और परमात्मा की एक ही परब्रह्म है। इस बात पर कोई संदेह न रखना। कार्यक्रम के सह संयोजक श्री दिनेश भार्गव ने कहा कि आज संगीत सम्मेलन का अंतिम दिन है उक्त सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर के गायक, वादक एवं नृत्यकारों ने भागेदारी की हमारा मूल्य उदेश्य बुन्देलखण्ड की कला एवं संस्कृति को जीवांत रखना है जिससे पृथक राज्य निर्माण के बाद हमारी पहचान बुन्देलियों के रूप में बनी रहे।हमारा उदेश्य पृथक बुन्देलखण्ड प्रान्त निर्माण का संकल्प है जिसके लिए हम निरंतर 49 वर्षों से प्रयासरत हैं उन्होंने बताया कि आज का संगीत सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से संगीत के मरमज्ञ अपनी गायन वादन एवं नृत्य कला का प्रर्दशन करेंगे। कल का संगीत सम्मेलन संाय काल 04ः30 बजे से प्रारम्भ किया जायेगा।आज के सम्मेलन में सर्वश्री द्वावरका प्रसाद लिखधारी, हरचरन कुशवाहा, राजेश तिवारी, विनोद लिखधारी, मुकेश गुप्ता दहरादून, अर्पण सुलभ शर्मा, शुभ्रत शर्मा, दिनेश संेगर, अनिल साहू, शुभम्म अग्रवाल, पवन अग्रवाल, विवेक अग्रवाल, शिवम मिश्रा शरद शर्मा, अतुल गोपाल गुप्ता, सुनील कुमार कुशवाहा, चंदन द्विवेदी, कु0 ईशा गुप्ता, श्रीमती रश्मि मारभा, आंकाक्ष, शिखा नवनीत मारवाह आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रज भूषण झाँ ने किया, अन्त में सभी संगीतज्ञों, प्रतियोगियों, श्रोतों और विद्यालय के छात्र/छात्रा जो अहरनिश अतिथियों की सेवा में सर्मपित रहे विद्यालय के अध्यक्ष श्री कृष्णा कान्त झाँ गुरू जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये आगामी 50वें वर्ष में होने वाले कार्यक्रमों के लिए अभी से तैयार करने के निर्देश दिये।
अंतिम दिन संगीत सम्मेलन में की शुरूवात असंलु टुकूरबार के सारंगी वादन से हुआ
