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पाँच दिवसीय 49वाँ बुन्देलखण्ड योग, संगीत सम्मेलन एवं संगीत प्रतियोगिताओं का समापान 

ByBKT News24

Nov 8, 2024


झांसी। पाँच दिन चल रहे 49वाँ बुन्देलखण्ड योग, संगीत सम्मेलन एवं संगीत प्रतियोगिताओं का समापान आज लक्ष्मी व्यायाम मन्दिर पैवेलियन हाॅल झाँसी में हुआ। आज प्रातः कालीन सभा में श्री कृष्णकान्त झाँ गुरू जी द्वारा विभिन्न योगासनों के सम्बन्ध में योग साधकों को जानकारी देते हुये बताया कि संगीत में जितने भी राग ऋषिमुनियों, योगियों और संगीताचार्याें द्वारा निर्मित किये गये है उनसे किसी न किसी असाध्य बीमारी का उपचार किया जा सकता है। जैसे राग भैरवी, राग यमन, राग पीलू, आसाबरी, राग जौनपूरी, राग बागेश्री आदि के माध्यम से ऐसे रोगों का उपचार किया जा सकता है जिन पर ऐलोपैथी दवायें असर नहीं करती हैं रागों के माध्यम से की जा रही उपचार प्रक्रिया को म्यूजिक थेरेपी का नाम दिया गया है। उन्होंने बताया सत गुरूदेव कहाँ करते थे कि नाद से बड़ा कोई योग नहीं है। इसके उपरांत उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता के अंतिम 18वें अध्याय में मोक्ष सन्यास योग की बात कही गयी है जिसकी व्याख्या गुरू जी ने की और साथ ही गीता पाठन श्रवण के महत्व की भी विस्तरित जानकारी दी इसके उपरांत प्रभू श्रीरामलला जी महाराज एवं योगेश्वर चन्द्र मोहन महा आरती की गयी साथ ही विद्यालय को छात्रों पं0 समीर भालेराव, हरिराम वर्मा, नीतिन शर्मा, अविनाश झाँ, सचिन शर्मा, पार्थ उपाध्याय, पं0 अनुराग तिवारी, निहार जोशी मुकुल तिवारी, ऋषि कुशवाहा, प्रियांशु कश्यप, कु0 सरोनी झाँ, सुरभी मिश्रा, पूर्णिता साहू, जानवी गुप्ता आदि ने मधुर भजन गा कर श्रोत्रों के कानों में भक्ति रस घोल दिया। कार्यक्रम के सह संयोजक श्री दिनेश भार्गव ने कहा कि पाँच दिन चले संगीत महाकुम्भ में देश के विभिन्न प्रदेशों एवं जिलों से लगभग 257 प्रतियोंगियों ने विभिन्न गायन, वादन एवं नृत्य प्रतियोगिताओं में भागेदारी की संगीत सम्मेलन में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगीतज्ञों ने अपनी कला का प्रर्दशन किया उन्होंने बताया कि हम 49 वर्ष से पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की प्रति आशा में संगीत साधना में लीन है इस माध्यम से बुन्देलखण्ड की कला संस्कृति, गायन, वादन को विलुप्त होने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा यदि यथाशीघ्र पृथक बुन्देलखण्ड प्रान्त का निर्माण होता है तो देश का पहले संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी जिससे यहाँ के संगीत साधकों को रोजगार मिल सके।आज के सम्मेलन में सर्वश्री सुरेश चन्द्र खरे एड0, विनय सिजरिया, ब्रजेन्द्र राय, मुकेश गुप्ता, सुमित अग्रवाल, श्रीमती श्रुति सिंह, जे0वी0 परमार्थी, डा0 श्वाती राय, रमेश चन्द्र गुप्ता कानपुर, द्वारका प्रसाद अग्रवाल, विनोद लिखधारी, हरचरण गुप्ता, श्रीमती नेहा राय, श्रीमती रेखा झाँ, श्रीमती अम्रता गुप्ता, डा0 जितेन्द्र कुमार तिवारी बांँदा, हनुमान प्रसाद चतुर्वेदी, ग्यासी लाल, ज्योति श्रीवास, श्रीमती गीता झाँ, गोविन्द सोनी, अशोक कुमार, अर्थव तिवारी आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रज भूषण झाँ ने किया, अन्त में महाविद्यालय के महामंत्री डा सुनील दीक्षित ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये आगामी 50वें वर्ष में होने वाले कार्यक्रमों के लिए अभी से तैयार करने के निर्देश दिये।


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