इंजीनियरिंग में सोलर ऊर्जा पर शोध करके यांत्रिकी में बढ़ा जा सकता है आगे- प्रो डीके भट्ट
झांसी।बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के यांत्रिकी अभियान्त्रिकी विभाग में विद्युत गतिशीलता
विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।निदेशक इंजीनियरिंग प्रो डीके भट्ट ने विद्यार्थियों को नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आज इंजीनियरिंग में सोलर ऊर्जा पर शोध करके यांत्रिकी में आगे बड़ा जा सकता है जिससे छात्र आने वाले समय में सुरक्षित विस्व का निर्माण कर सकते है। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा सोलर एनर्जी से विश्वविद्यालय को परिपूर्ण करने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं ताकि ग्रीन एनर्जी को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा सके।
आईआईटी बॉम्बे के पुरातन छात्र विद्युत वाहन के विशेषज्ञ इंजी सुशील रेड्डी ने विद्युत वाहन की बनावट और उसकी बचत के बारे विस्तार से बताते हुए कहा कि विद्युत गतिशीलता में वाहनों को चलाने के लिए बिजली का उपयोग शामिल है, जो जीवाश्म ईंधन के लिए एक टिकाऊ विकल्प प्रदान करता है, जिसमें इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर से लेकर बस और ट्रक तक शामिल हैं।उन्होंने बताया कि विद्युत कार में लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है जिसमें कार चलाने कम खर्चा होता है और पर्यावरण को नुक़सान नहीं होता ।उन्होंने बताया कि इसको चार्ज करने के लिए पूरे देश में कहाँ कहाँ चार्जिंग स्टेशन हैं इसके लिए प्लगशेयर नामक सॉफ्टवेर के इस्तेमाल से मदद ली जा सकती है।उन्होंने कहा कि आज के युग में ईधन और उससे होने वाले प्रदूषण से कई समस्याएं हो रही हैं जिसे कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कार ,स्कूटर का इस्तेमाल करना अति आवश्यक है यह टिकाऊ परिवहन का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना है। कार्यक्रम में अधिष्ठाता अभियांत्रिकी प्रोफेसर म सिंह द्वारा वर्तमान समय में जिओ फॉसिल के विभिन्न प्रकार के प्रयोग और उनके आने वाले समय में समाप्त होने की स्थिति में विश्व संकट से बचने के लिए रिन्यूएबल एनर्जी की आवश्यकता पर जोर दिया।
यांत्रिकी विभाग के समन्वयक डॉ जितेंद्र वर्मा के द्वारा छात्र-छात्राओं के हित में विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कराए जाने के लिए कहा। आभार सचिव डॉ शशिकांत वर्मा ने व्यक्त किया ।इस अवसर पर डीन इंजीनियरिंग प्रोफे एमएम सिंह , डॉ एपीएस गौर , डॉ विशाल आर्या , डॉ राहुल शुक्ला , डॉ संदीप मिश्रा , डॉ सतेंद्र उपाध्याय , इंजी ब्रजेश लोदी , इंजी रजत कुशवाहा इलेक्ट्रॉनिक्स के समन्वयक इंजी शशिकांत वर्मा आदि मौजूद रहे।
