• Tue. Oct 7th, 2025

BKT News24

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें, BKT News24

बढ़ते तापमान के दृष्टिगत आग लगने की दुर्घटनाओं के संबंध में जिलाधिकारी ने जारी की एडवाइजरी

ByBKT News24

Apr 29, 2025


बढ़ते तापमान के दृष्टिगत आग लगने की दुर्घटनाओं के संबंध में जिलाधिकारी ने जारी की एडवाइजरी

** गर्मी के मौसम में आग से बचाव के लिए रहें सतर्क, क्या करें-क्या ना करें की दी जानकारी

** अस्पताल, स्कूल, मॉल के अलावा सार्वजनिक एवं सरकारी प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के पुख्ता हों इंतज़ाम:- जिलाधिकारी

** फायर एक्सटिग्विशर से लेकर फायर सिक्योरिटी अलार्म और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने जनपद में बढ़ते तापमान की दृष्टिगत एडवाइजरी जारी करते हुए आग लगने और उससे बचाव के साथ ही आग ना लगे के संदर्भ में जनपद वासियों से अपील की।
जिलाधिकारी ने गर्मी के मौसम में आग से बचाव के लिए रहें सतर्क, क्या करें-क्या ना करें की दी जानकारी, उन्होंने कहा कि अस्पताल, स्कूल, मॉल के अलावा सार्वजनिक और सरकारी प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। फायर एक्सटिग्विशर से लेकर फायर सिक्योरिटी अलार्म और अन्य व्यवस्थाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुनिश्चित कर लें कि फायर एक्सटिग्विशर एक्सपायर्ड न हों क्योंकि इसके चलते आग लगने पर बड़ा नुकसान होता है। ऐसा हरगिज़ ना हो सारी व्यवस्थाएं पुख्ता कर ली जाएं।
जिलाधिकारी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज, संग्रहालय, जिला अस्पताल, बड़े स्कूल व अन्य सार्वजनिक स्थानों में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम प्राथमिकता से कर लिए जाएं । जनपद में नागरिक सुरक्षा संगठन कार्यालय में जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा कार्यशाला कर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके माध्यम से आग लगने की घटनाओं की रोकथाम एवं प्रबंधन के मद्देनजर विभिन्न आपदा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में जिला अग्निशमन पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, एसडीआरएफ की टीम ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गर्मी के दिनों में आग लगी की घटनाओं में वृद्धि हो जाती है। क्योंकि, आग के फैलाव के लिए मौसम भी अनुकूल रहता है। इसमें कई घटनाएं ऐसी होती हैं, जो मानव जनति कारणों से उत्पन्न होती है। जिन्हें कुछ जागरूकता, सतर्कता, चेतनशीलता के साथ कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सावधानी ही बचाव या सुरक्षा है। आग से बचने और जानमाल की सुरक्षा के लिए इन बातों का रखें ख्याल-खलिहान को हमेशा गांवों की आबादी एवं फसलों से भी दूर खुले स्थान पर लगाएं, किसान भाई थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें। थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें, ताकि अपनी घटना से तुरंत निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें। उन्होंने रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करने का सुझाव दिया।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में विशेष रूप से खेतों में आग लगने की संभावनाएं अधिक होती है इसे रोकने के लिए किसान एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें। खलिहान ऐसी जगह बनाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके साथ ही जहां जल स्त्रोत नजदीक हो जैसे नदी, तालाब, कुआं, बोरिंग आदि। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं,यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टीयां अवश्य पास में रखें। उन्होंने ताकीद करते हुए कहा कि बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान कतई नहीं बनाया जाए। खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु यथा अगरबत्ती,धूप ,दीपक इत्यादि पर नजर रखें ,जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए। उन्होंने आग ना लगे की जानकारी देते हुए कहा कि खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें। बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें। खेतों के आसपास बीड़ी- सिगरेट आदि ना पिएं तथा ना ही किसी को पीने दें।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने आग से कैसे बचाव किया जाए की जानकारी देते हुए कहा कि रसोईघर को यथासंभव अग्नि रोधक बनाया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8:00 बजे से पहले और शाम 5:00 से 6:00 के बीच (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें। दीप, लालटेन,ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें। रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ना रखें जैसे मिट्टी तेल, सिथेटिक कपड़े इत्यादि। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि ढीले और सिथेटिक कपड़े ना पहने और बालों को खुला न रखें। रसोईघर से बच्चों को दूर रखें। तेज हवा में खुली जगह पर खाना ना बनाएं यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें। किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं। घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी, बालू, सूखी मिट्टी, धूल इत्यादि जमा कर रखें।
जिलाधिकारी ने कहा कि हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है। अत: इसे अपने घर के चारों ओर लगाएं। सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए। सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 101 अपने पास अवश्य रखें। उन्होंने जनमानस को सतर्क करते हुए कहा कि जलती हुई बीड़ी,सिगरेट और माचिस की काठी के खेत-खलियान में ना फेंके। आग बुझाने के लिए पानी, बालू और सुखी मिटटी, धूल का प्रयोग करें।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि आपके आसपास अग्निकांडो की घटनाओं की सूचना शीघ्र अति शीघ्र कंट्रोल रूम सहित अग्निशमन पदाधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके।
__________________________

जिला सूचना कार्यालय द्वारा प्रसारित


error: Content is protected !!