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बुंदेलखंड के किसानों की चीख सुनिए! जेडीयू ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन, अन्ना प्रथा से लेकर आत्महत्या तक 6 बड़े मुद्दे उठाए

ByBKT News24

May 18, 2025


बुंदेलखंड के किसानों की चीख सुनिए! जेडीयू ने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री को सौंपा ज्ञापन, अन्ना प्रथा से लेकर आत्महत्या तक 6 बड़े मुद्दे उठाए

17 मई समस्तीपुर/लखनऊ/बांदा।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में खेती संकट के गंभीर होते हालात पर जनता दल (यूनाइटेड) ने केंद्र सरकार को घेरा है। जेडीयू उत्तर प्रदेश की प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने शुक्रवार को समस्तीपुर स्थित सर्किट हाउस में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री से मुलाकात की और उन्हें 6 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अन्ना प्रथा, किसानों की आत्महत्याएं, खाद-बीज की किल्लत, बिजली की महंगाई और तारबंदी के लिए सस्ती बिजली कनेक्शन की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई।

शालिनी सिंह पटेल ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन, कहा— बुंदेलखंड के किसान त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, योजनाएं कागजों में दम तोड़ रही हैं
ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि बांदा, महोबा, चित्रकूट, हमीरपुर, झांसी और ललितपुर जैसे जिलों में किसान गहरे संकट में हैं। अन्ना प्रथा के कारण किसान रात्रि में खेतों में जागकर पहरा दे रहे हैं। फसलें चौपट हो रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा और बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है।

सरकारी वितरण प्रणाली में गड़बड़ियों के चलते किसान घटिया बीज, महंगे कीटनाशकों और कालाबाजारी से बर्बाद हो रहे हैं। कई किसान कर्ज और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण आत्महत्या तक कर चुके हैं।

अधिकारियों का रवैया अपमानजनक, किसान की कोई सुनवाई नहीं
शालिनी ने कहा कि जब किसान अपनी समस्याएं लेकर प्रशासन के पास जाते हैं तो उन्हें टाल दिया जाता है या उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों का रवैया बेहद असंवेदनशील हो चुका है। बिजली की महंगाई ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी है। किसान खेतों में सिंचाई तक नहीं कर पा रहे, न ही तारबंदी कर पा रहे।

जेडीयू ने उठाई ये 6 मांगें:

1. अन्ना प्रथा पर रोक के लिए पंचायत स्तर पर गो-आश्रय स्थल सशक्त हों

2. खाद-बीज वितरण प्रणाली को डिजिटल निगरानी से जोड़ा जाए

3. बुंदेलखंड को “कृषि आपदा क्षेत्र” घोषित किया जाए और विशेष पैकेज मिले

4. आत्महत्या प्रभावित परिवारों को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक पुनर्वास सहायता मिले

5. कृषि मंत्रालय की केंद्रीय टीम भेजी जाए, जो जमीनी हालात का मूल्यांकन करे

6. किसानों को सस्ती, स्थायी और विश्वसनीय बिजली दी जाए, विशेषकर सिंचाई व तारबंदी के लिए

 

मंत्री ने दिया आश्वासन
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए सभी मांगों पर विचार का आश्वासन दिया है।

“अब चुप नहीं बैठेंगे, किसान का दर्द सड़क तक लाएंगे” — शालिनी सिंह पटेल
ज्ञापन सौंपने के बाद शालिनी सिंह पटेल ने कहा कि “अब किसान की हालत बयान नहीं, बदलाव मांग रही है। अगर सरकार नहीं चेती, तो जेडीयू किसानों के सवाल को लेकर जनांदोलन खड़ा करेगी।”


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