मेडिकल कालेज के प्रोफ़ेसर डॉ0 नीरज कुमार बनोरिया (विभागाध्यक्ष) की टीम ने किया झाँसी में प्रथम बार जटिल हाईटल हार्निया का ऑपरेशन
** जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी सहित प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डाॅ0 मयंक सिंह ने दी बधाई, किया उत्साहवर्धन
** डाॅ0 फाहद (MD) एनेस्थीसिया एवं उनकी टीम भी रही शामिल
** महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज ने एक और उपलब्धि की हासिल
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में एक मरीज जिसका नाम श्री महेन्द्र, उम्र 30 वर्ष, पिता का नाम श्री मुन्ना लाल गुरसंराय झाॅसी के रहने वाले है। जिनको लगातार सीने में जलन और खाना खाने के बाद खाना दुबारा पेट से बापस गले में आने की तकलीफ थी। जिसके लिए वह महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के सर्जरी ओ0 पी0 डी0 कमरा-139 में दिनांक 28/07/2025 सोमवार को दिखाने के लिए आए। मरीज को भर्ती होने की सलाह दी गई और मरीज को डॉ0 नीरज कुमार बनोरिया (विभागाध्यक्ष) (सर्जरी विभाग) के अंतर्गत भर्ती किया गया।
भर्ती होने के पश्चात प्रोफेसर डाॅ0 नीरज कुमार बनोरिया ने मरीज की जाँचे कराने के उपरान्त यह पता चला कि निचला एसोफेजियल स्फिंक्टर और आपके पेट का ऊपरी हिस्सा आपके डायाफ्राम के माध्यम से आपके सीने के क्षेत्र में ऊपर की ओर खिसक गया है, इस बीमारी को “हाईटल हर्निया” नाम से जाना जाता है। यह एक दुर्लभ बिमारी है। हाईटल हर्निया के ज़्यादातर मामलों में, लक्षण नज़र नहीं आते और उन्हें इलाज की ज़रूरत नहीं होती। हाईटल हर्निया के और भी गंभीर लक्षण, जो बिगड़ सकते हैं, उनमें निगलने में तकलीफ़, सीने में जलन, डकार, थकान और सीने में दर्द शामिल हैं।
इसके लिए मरीज को दूरबीन द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई। मरीज का ऑपरेशन दिनांक 30/07/2025 को किया जाना सुनिश्चित किया गया, सर्जरी के निर्धारित समय के 06 घंटे पहले से मरीज को भोजन और पानी नहीं लिया दिया गया। इसके पश्चात् टेम्परेचर, पल्स,ब्लड प्रेशर, शुगर के बारे में भी बताया गया। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ईसीजी, ब्लड टेस्ट और एक्स-रे जैसी बाकी की जाँच पूरी की गयी। एनेस्थेएनेस्थेटिस्ट डॉक्टर सहित उनकी टीम को जाँच रिपोर्ट शेयर करते हुए मरीज का दूरबीन विधि द्वारा सफलतापूर्वक प्रथम बार ऑपरेशन किया गया। मरीज ऑपरेशन के उपरान्त ठीक है और अब अस्पताल से उनकी छुट्टी की जा रही है।
डाॅ0 नीरज कुमार बनोरिया ने मरीज को आमतौर पर कुछ दिनों के लिए एक नरम आहार की सलाह दी, शुरूआती कुछ दिनों के लिए खुराक निगलने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। आपको बस इतना करना है कि धीरे-धीरे खाएं और ठीक से चबाएं। ये सब एक हफ्ते में ठीक हो जाएगा। एक बार जब आप पर्याप्त रूप से नरम खाने के लिए सक्षम हो जाएगें। इसके बाद आप सामान्य आहार के मुताबिक अन्य सभी तरीके का भोजन शुरू कर सकते हैं,शुरू के कुछ हफ्तों तक आपको एक साथ कम मात्रा में भोजन करना होगा क्योंकि थोड़ा खाने से ही आपका पेट भर सकता है। ऐसा आपको लगेगा।यह थोड़े समय की ही बात है और कुछ हफ्तों में धीरे-धीरे इसमें सुधार हो जाएगा।
महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कालेज में प्रथम बार हुए ऐसे जटिल ऑपरेशन को करने पर जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी एवं डॉ0 मयंक सिंह (प्रधानाचार्य) (मेडिकल कॉलेज) ने इस बीमारी को अत्यन्त दुर्लभ बताते हुए, सफलतापुर्वक ऑपरेशन करने के लिए सर्जरी विभाग की टीम एवं एनेस्थीसिया विभाग की टीम को बधाई दी और आगे भी इसी प्रकार के जटील ऑपरेशन करने के लिए दोनो विभागो को प्रोत्साहित किया।
सर्जरी विभाग की टीम
डॉ0 (प्रोफेसर) नीरज कुमार बनोरिया (MS) (विभागाध्यक्ष)
डॉ0 राहुल लिटोरिया (MS),
डॉ0 विजय शर्मा (Mech),
डॉ0 शिखर,डॉ0 शिष्टी,डाॅ0 संदीप,
डॉ0 अंशु (JR 3),डॉ0 नितिन,डॉ0 विद्वषी (JR2), डॉ0 संजीव,डाॅ0 चन्द्रप्रकाश(JR1)
जटिल ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग की टीम डॉ0 फाहद (MD),
डाॅ0 रवि शंकर (MD),डॉ0 दत्ता (JR3),डॉ0 अमित (JR2) के साथ
डाॅ0 अंजली,डाॅ0 शर्धि (JR1) टीम में शामिल रहीं।
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जिला सूचना कार्यालय द्वारा प्रसारित।