भगवान की कथा भगवान की कृपा से मिलती है – जगतगुरु रामदिनेशाचार्य
श्रीमद भागवत कथा में सती चरित्र,ध्रुव चरित्र व भगवान कपिल अवतार के प्रसंगों की कथा सुनाई
झाँसी। श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में आज दूसरे दिवस श्री गौड़ बाबा सिद्धाश्रम खातीबाबा पर कथा श्रवण कराते हुए पूज्य जगतगुरु श्री राम दिनेशाचार्य जी महाराज अयोध्या धाम ने भगवान कपिल चरित्र,कपिल गीता,सती चरित्र,ध्रुव चरित्र की कथा श्रवण कराते हुये कहा कि सती चरित्र, ध्रुव चरित्र व कपिल अवतार के प्रसंगों का वर्णन किया और बताया कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम व माता का नाम देवहूति था। शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म पितामह के शरीर त्याग के समय वेदज्ञ व्यास आदि ऋषियों के साथ भगवान श्री कपिल मुनि जी भी वहां उपस्थित थे। भगवान कपिल मुनि जी सांख्य दर्शन के प्रवर्तक हैं। श्री गुरू भगवान कपिल महामुनि जी भागवत धर्म के प्रमुख बारह आचार्यों में से एक हैं। बताया कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में भाग लेने पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव का आमंत्रण और उनका भाग न दिए जाने पर कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। भागवत पूजन मुख्य परीक्षित श्रीमती उर्मिला रामस्वरूप गुप्ता,पं.मैथलीशरण मुदगिल,रामआसरे गुप्ता,अनिल सुडेले,पियूष रावत,इंजी.शशिकांत द्विवेदी,ए.के.सोनी,रामबाबू यादव,राम कुशवाहा,दिलीप मुदगिल,गनेश खरे,बृजेन्द्र श्रीवास्तव,आदेश चतुर्वेदी,नितिन चतुर्वेदी,प्रवीण शास्त्री,आलोक शास्त्री,हरिओम शास्त्री,रिछारिया मशराज व महिला मंडल में मांडवी चतुर्वेदी,रूपम मुदगिल,मीना सुडेले,पूजा द्विवेदी,सरोज गुप्ता,वीना सोनी,नीलम श्रीवास्तव,सुधा खरे सहित आदि भक्तगण उपस्थित रहे व कार्यक्रम का संचालन मुख्य संचालक पं.सियारामशरण चतुर्वेदी ने किया। अंत मे आभार ज्ञापन मुख्य संयोजक पं.विनोद चतुर्वेदी ने किया।
