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जल संकट मानवाधिकारों पर सबसे बडा खतरा: नीलम प्रभात, सदस्य, राज्य महिला आयोग

ByBKT News24

Dec 10, 2024


झांसी। परमार्थ समाज सेवी संस्थान एवं बाबू जगजीवन राम विधि संस्थान, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में महिला हिंसा पखवाडा के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के सेमीनार हॉल में महिला हिंसा के खिलाफ संघर्ष, महिला अधिकारों के संरक्षण और महिला सशक्तिकरण हेतु संवाद आयोजित किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य महिला आयोग कि सदस्य नीलम प्रभात ने जल सहेलियों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड कि नीली साडी पहने हुए जल सहेलियां ही जलवायु परितर्वन से होने वाले मानवाधिकारों के सबसे बडे संकट को कम करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि स्त्री ही पिता, पुत्र, भाई और पति को ऊँचाइयों पर ले जाने का कार्य करती है। स्त्री सृजनकर्ता है, पूरे देश-प्रदेश में कई स्त्रीयां समानता, न्याय एवं सभी के लिए गरिमा महत्ता पर जोर देने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने महिला आयोग के द्वारा महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण हेतु किये जा रहे कार्यो पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्ष राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित शिक्षाविद डाॅ0 नीति शास्त्री ने कहा कि नारी शक्ति मानवाधिकारों के लिए आज से नही बल्कि शताब्दियों से लडती आयी है। इस भूमि पर हमेशा परोपकार को लेकर महिलाऐं आगे आयी है चाहे वह झांसी की रानी हो, जिन्होंने 1856 में कहा कि था मैं अपनी झांसी नहीं दूगी या वर्तमान में जल सहेली हो जो कह रही है, वह इस भूमि को सूखा नहीं होने दूंगी।परमार्थ समाज सेवी संस्थान की सदस्य प्रो0 अनुपम सोनी ने कहा कि आज हम सभी के मानवाधिकारों की बात करते है लेकिन विशेष रूप से हमें महिलाओं के मानवाधिकारों पर जोर देने की जरूरत है, जिनको देश की आधी आबादी तो कहां जाता है लेकिन अभी भी इस आबादी में से कई महिलाओं को अपने स्वयं के निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए बाबू जगजीवन राम विधि संस्थान के विभागाध्यक्ष डाॅ प्रशांत मिश्रा ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो स्वतंत्रता के पहले और बाद में अपने विधानों से मानवाधिकारों पर जोर देता रहा है। गांधी जी ने स्वतंत्रता के लिए जितने भी आंदोलन किये उनमें उन्होंने हमेशा संदेश दिया जाति, धर्म के आधार पर किसी भी व्यक्ति के मानवाधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। स्वतंत्रता के बाद सरकार के द्वारा भी मानवाधिकारों के लिए कानूनों का निर्माण किया गया है। कार्यक्रम में डाॅ0 अलका सेठी, अध्यक्ष, इनरव्हील क्लब, डाॅ0 मोहम्मद नईम, समाजकार्य विभाग, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, नबावाद महिला थानाध्यक्ष किरन रावत ने भी मानवाधिकार पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर डॉ मुहम्मद नईम एवं प्रो विवेक कुमार सिंह द्वारा लिखित पुस्तक “समाज कार्य एवं महिला विकास “ का लोकार्पण उत्तर प्रदेश की महिला आयोग की सदस्य श्रीमती नीलम प्रभात जी, राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित शिक्षाविद डॉ नीति शास्त्री, शिक्षाविद प्रो अनुपम सोनी, इनरव्हील क्लब की सदस्य प्रो अनुपम सेठी एवं विधि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रशांत मिश्र द्वारा किया गया । धन्यवाद ज्ञापन परमार्थ संस्थान से शिवानी सिंह के द्वारा किया गया।इस अवसर पर जल सहेली, जल योद्धा, बाबू जगजीवन राम विधि संस्थान के छात्र एवं परमार्थ संस्थान के कार्यकर्ता उपस्थित रहें।


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