झांसी । श्री रामराजा सरकार सेवा समिति के तत्वाधान में श्री पठलेश्वर महादेव मंदिर नगरा में चल रही श्री राम कथा के विश्राम दिवस की कथा में कोलकाता से पधारे कथा व्यास शंभू शरण लाटा ने श्री राम जी द्वारा लंका विजय उपरांत अयोध्या वापसी पर श्री राम जी के राज्याभिषेक की कथा का बहुत सुंदर वर्णन प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने नाचने पर मजबूर कर दिया। कथा के दौरान श्रोताओं ने जमकर आनंद लिया ।
कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान श्रीमती ममता सत्य प्रकाश शर्मा द्वारा विधि विधान से पूजन अर्चन एवं महा आरती उपरांत कथा का प्रारंभ किया तत्पश्चात श्री लाटा जी ने कथा प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मन की शांति अद्भुत है। समय रहते सुंदरता खत्म हो जाती है ।शांति रूपी प्रसाद कैसे मिले ।मन के काम, आदि दोषों से खाली होने पर शांति मिलेगी। उन्होंने सुंदरकांड का सुंदर तरीके से वर्णन करते हुए कहा कि राम नाम का पहरा आपको हर मुसीबत से बचाएगा। उन्होंने कहा कि जो जोड़ता है वही धर्म है और जो तोड़ता है वही अधर्म है। भगवान के नाम एवं धर्म से भारत जुड़ा है आज सब जगह भेद होने लगा है जहां भेद होगा वहां भगवान नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जो इस तरह की बात करता है वही रावण है। कोई अच्छा कार्य करने पर काम मैंने किया कहने से उसका महत्व खत्म हो जाता है, कहने वाले का भी पतन हो जाता है। श्री राम जी ने कभी नहीं कहा कि मैंने रावण को मारा, तभी आज राम कथा हो रही है। आप कितनी भी ऊंचाई पर पहुंच जाएं लेकिन ऊंचाई पर पहुंचाने वाले को कभी ना भूलें। भगवान श्री राम जी ने लंका विजय के बाद लौटते हुए सभी का धन्यवाद किया। अगर कैंकई राम को वनवास ना भेजती तो राम जन-जन के राम नहीं होते, रामचरितमानस ना होती। प्रेम में प्रभाव, अभाव काम नहीं आता केवल लगाव काम आता है। कथा के विश्राम उपरांत महा आरती मुख्य यजमान श्रीमती ममता सत्य प्रकाश शर्मा द्वारा की गई। 25 दिसंबर बुधवार को दोपहर 2:00 बजे से सत्यनारायण कथा, कन्या पूजन, कुंवर श्रीमान हरदौल जू को छप्पन भोग अर्पण के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।