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जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने जन मानस से की अपील,नदी/डैम किनारे ना जाएं

ByBKT News24

Jul 1, 2025


जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने जन मानस से की अपील,नदी/डैम किनारे ना जाएं

** अधिकारी एवं कर्मचारी सचेत एप के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं की जानकारी खुली बैठक में ग्रामीणों को अवश्य दें, जिससे किसानों को हो फायदा

** आपदा को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन एप से मिली पूर्व चेतावनी से बचा जरूर जा सकता है:-जिलाधिकारी

** सचेत एप के माध्यम से बिजली गिरने पर बचाव कैसे करें के साथ ही प्राथमिक चिकित्सा संबंधी जानकारी भी होगी प्राप्त

** नदी किनारे बसे गांव में ग्राम प्रधान, निगरानी समितियां, लेखपाल व सचिव समस्त जन अलर्ट मोड पर रहे

** नदी किनारे ग्रामीणों को ना जाने की दी सलाह ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके

देशभर के साथ ही जनपद में हो रही भारी बारिश के बीच गृह मंत्रालय,जल शक्ति मंत्रालय और मौसम विभाग ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को ‘सचेत’ ऐप डाउनलोड किए का निर्देश दिए गए ताकि प्रभावित क्षेत्रों में बिजली गिरने से होनेवाली जनहानि और आर्थिक क्षति की संभावना कम किया जा सके।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने कलक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान जनपद के समस्त अधिकारियों को बताया कि सचेत ऐप मौसम विभाग की ओर से तैयार किया गया एक मोबाइल ऐप है। इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है, यह बिजली गिरने से लोगों को सावधान करने के लिए भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन भारतीय ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे द्वारा विकसित किया है।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने जनपद में लगातार हो रही भारी बारिश के दृष्टिगत नदी के किनारे बसे गांवों को सतर्क रहने की हिदायत दी। उन्होंने ऐसे गांव जो नदी किनारे और पानी के तेज बहाव की स्थिति में प्रभावित होने वाले हैं वहां के ग्राम प्रधान, ग्राम निगरानी समिति, लेखपाल, सचिव सहित अन्य सभी को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी लोग पूर्ण सतर्क रहते हुए नदी के बढ़ते जल स्तर पर सतत् दृष्टि बनाए रखें और लगातार लोगों को जानकारी देते रहे। उन्होंने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को मौके पर जाकर जाकर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने जनमानस से अपील करते हुए कहा कि नदी के किनारे ना जाए उन्होंने ऐसे स्थलों पर जहां पानी की गहराई अधिकतम है और दुर्घटना की संभावना बनी रहती है ऐसे स्थानों पर सतत् दृष्टि बनाए रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे गांव जहां नदी नाले एवं पोखरों में जलस्तर बढ़ने से सड़कों पर पानी आ जाने के कारण गांव का आवागमन बाधित होता है तो ऐसे गांव की जानकारी तत्काल मुख्यालय पर उपलब्ध कराएं।
उन्होंने ताकीद करते हुए कहा कि नदी किनारे बसे गांव में गोताखोर तथा नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करा लें, उन्होंने कहा कि नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए आप लोग निरंतर क्षेत्र में भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे,कहीं पर कोई समस्या हो तो तत्काल अवगत कराया जाए।
जिलाधिकारी ने भारी बारिश के दौरान वज्रपात की स्थिति लगातार उत्पन्न होती है ऐसे में क्या करें,यह भी बताया। आकाशीय बिजली गिरने पर बचाव कैसे करें, इस बारे में एवं सुरक्षा के उपाय के अलावा प्राथमिक चिकित्सा संबंधी जानकारी भी दी। बिजली गिरने की घटना इंसानों और मवेशियों के लिए घातक होती है, इसे रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन इससे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिजली गिरने की स्थिति के बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है, सचेत ऐप के माध्यम से इसका पूर्वानुमान लग जाता है और ऐसे में लोगों के पास पर्याप्त समय होता है कि वे सुरक्षित जगह पर चले जाएं, यानी सतर्क होकर जानमाल की क्षति से समय रहते बचा जा सकता है।
जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि अगर आपके इलाके में बिजली गिरने वाली है तो दामिनी ऐप आपको पहले ही चेतावनी देकर सावधान कर देगा। ऐसे में बिजली से बचने के लिए खुले खेतों, पेड़ों के नीचे, पहाड़ी इलाकों, चट्टानों के आसपास बिल्कुल न रुकें। धातुओं के बर्तन धोने से बचें और नहाने से ​तो बिल्कुल ही बचें। बारिश से बचें और जमीन पर जहां पानी जमा हो, वहां भी खड़े न रहें। छाते का कतई इस्तेमाल न करें। बिजली के हाइटेंशन तारों और टावर से दूर रहें। घर के अंदर चले जाएं। अगर कहीं बाहर हों और घर जाना संभव न हो तो खुली जगह पर ही कान बंद कर घुटनों के बल बैठ जाएं। खतरा टलने पर घर चले जाएं।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा आकाशीय विद्युत गिरने से होने वाली घटनाओं से बचाव हेतु दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं विद्युत चलित के समय निकट की किसी बिल्डिंग में आश्रय ले खुले क्षेत्र में किसी ने की जगह पर जाएं जैसे कि खड्डा या घाटी और यदि आप खुले में हैं और अलग-अलग पेड़ हैं उनकी ऊंचाई से दुगनी दूरी पर जमीन पर लेट जाएं। उन्होंने कहा जब तड़ित की आवाज सुनाई दे तो बाहर कतई ना जाएं।
उन्होंने कहा कि तूफान के दौरान टेलीफोन का प्रयोग ना करें बिजली बाहर के टेलीफोन लाइनों से टकरा सकती है। इसके अतिरिक्त हेयर ड्रायर, इलेक्ट्रिक टूथब्रश, इलेक्ट्रिक रेजर, प्लग इन बिजली के उपकरणों का उपयोग न करें।
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जिला सूचना कार्यालय द्वारा प्रसारित


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