समाज परिवर्तन में संस्कार केन्द्रों की भूमिका अहम
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित संस्कार केंद्र आज समाज परिवर्तन का सशक्त माध्यम बन चुके हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले दीन-दुखी एवं अभावग्रस्त बालकों को शिक्षा व संस्कारों से जोड़ना है, जिससे वे एक संस्कारित, शिक्षित और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
इसी उद्देश्य के तहत सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज तिर्वा द्वारा गिहार बस्ती बौद्ध नगर तिर्वा में संस्कार केंद्र संचालित किया जा रहा है जिसमे आज दिनांक 13.10.2025 को संस्कार केंद्र का निरीक्षण किया गया एवम कन्नौज संकुल के अंतर्गत सभी सरस्वती विद्या मंदिरों एवं शिशु मंदिरों के प्रधानाचार्यों व संस्कार केंद्र संचालकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं सेवा संयोजक, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश व नेपाल के श्रीमान योगेश भारद्वाज जी ने की। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अनिल कुमार मिश्रा जी ने करते हुए सभी अतिथियों का परिचय कराया।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री योगेश भारद्वाज जी ने कहा कि “सेवा उपकार नहीं, हमारा धर्म और कर्तव्य है।” उन्होंने कहा कि समाज के वे वर्ग जो मुख्यधारा से दूर हो गए हैं, उन्हें शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से पुनः जोड़ना हमारा दायित्व है। सेवा बस्तियों में संचालित संस्कार केंद्र समरसता, सामाजिक संवेदना और राष्ट्रभक्ति के भाव को सशक्त बनाते हैं।
प्रांत सेवा प्रमुख श्री शिव सिंह जी ने कहा कहा कि विद्या भारती का संकल्प है — “कोई छोटा-बड़ा नहीं, सभी एक समान हैं।” इसलिए प्रत्येक विद्यालय को कम से कम एक संस्कार केंद्र का संचालन करना चाहिए, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, स्वच्छता, पर्यावरण, देशभक्ति और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाया जा सके।
इस अवसर पर संस्कार केंद्र संचालक श्री उदय नारायण , नगर सह संघ चालक(राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) श्री विजय पाल जी एवम संकुल के सभी प्रधानाचार्य — श्री जितेंद्र पांडे, श्री राजीव सिंह, श्री राकेश सिंह, श्री अनिल कुमार शुक्ला, श्री अनिल मिश्रा, उपस्थित रहे और उन्होंने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के अंत में सभी को यह संदेश दिया गया एवम सभी से आवाहन किया गया कि समाज का वास्तविक उत्थान तभी संभव है जब शिक्षा और संस्कार दोनों एक साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचें।