*नये आपराधिक कानूनों पर झाँसी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित*
*एसएसपी बी.बी.जी.टी.एस. मूर्ति, एसपी सिटी गौरव सिंह और ASP/CO सदर अरीबा नोमान आईपीएस ने पुलिस कर्मियों, छात्र-छात्राओं व महिलाओं को दी कानूनी जानकारी*
झाँसी: जनपद झाँसी में शनिवार को नये आपराधिक कानूनों पर जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पं. दीनदयाल सभागार एवं थाना प्रेमनगर क्षेत्र स्थित सेंट उमर इंटर कॉलेज, झाँसी में आयोजित हुआ। इसमें पुलिस कर्मियों, अध्यापकगण, छात्र-छात्राएँ व महिलाएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।
*नये भारत के नये कानूनों से बदलेगी न्याय व्यवस्था*
कार्यक्रम की अध्यक्षता *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बी.बी.जी.टी.एस. मूर्ति* ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में अब न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी, त्वरित और पीड़ित-केंद्रित होगी।
उन्होंने बताया कि नये आपराधिक कानून —
1. भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita)
2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita)
3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam)
— के माध्यम से जांच प्रक्रिया में व्यापक सुधार किए गए हैं।
*एसएसपी मूर्ति* ने कहा, “हर अपराध की जांच फोरेंसिक दृष्टि से होगी, जिससे साक्ष्य मजबूत होंगे और दोषियों को शीघ्र सजा मिलेगी।”
*एसपी सिटी प्रीती सिंह का संदेश*
कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधीक्षक नगर प्रीती सिंह ने कहा कि नये कानून केवल पुलिस के लिए ही नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, “अगर समाज के हर वर्ग को कानून की सही जानकारी होगी, तो अपराधों में कमी आएगी और न्याय व्यवस्था में जनता का विश्वास बढ़ेगा।”
उन्होंने छात्रों से कहा कि वे इन कानूनों को समझें, अपने अधिकारों को जानें और कानून के प्रति सम्मान की भावना रखें।
*ASP/CO सदर अरीबा नोमान आईपीएस का उद्बोधन* ASP/CO सदर अरीबा नोमान आईपीएस ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “नये कानूनों के तहत पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक को उनके अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जानकारी मिले। विशेष रूप से महिला और बच्चों से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई हमारे सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।”
उन्होंने पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए कि डिजिटल साक्ष्य और फोरेंसिक तकनीक का अधिकतम उपयोग करें और हर जांच निष्पक्ष व समयबद्ध हो।
*छात्रों व अध्यापकों को दी गई जानकारी*
कार्यक्रम में अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी गई।
एसएसपी मूर्ति ने कहा कि युवा वर्ग देश का भविष्य है, इसलिए उन्हें कानून की जानकारी होना बेहद जरूरी है। उन्होंने अपील की कि लोग सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें और केवल सत्यापित सूचना ही साझा करें।
*फोरेंसिक उपयोग से होगी पारदर्शी जांच*
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि:
1.7 वर्ष या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य होगी।
2.सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में फोरेंसिक प्रयोगशालाओं का उपयोग जरूरी होगा।
3.5 वर्षों के भीतर देशभर में आधुनिक फोरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा।
इससे जांच में पारदर्शिता बढ़ेगी और न्याय में विलंब की समस्या समाप्त होगी।
*समाज में विधिक जागरूकता का उद्देश्य*
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस कर्मियों को विधिक ज्ञान से सशक्त बनाना और समाज में कानूनी जागरूकता का प्रसार करना था।
कार्यक्रम में अधिवक्तागण, अध्यापकगण, छात्र-छात्राएँ, पुलिस अधिकारी-कर्मी एवं स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
