झांसी। मासिक सरस काव्य संगोष्ठी में डॉ. अरुण कुमार हिन्वासिया के प्रथम काव्य संग्ग्रह गीत मीत के एव डॉ प्रमोद कुमार अग्रवाल द्वारा रचित ‘मीर जाफर’ उपन्यास के आवरण-प्रष्ठ का विमोचन हुआ। शास्त्री विश्व भारती संस्कृति एवं साहित्य शोध संस्थान के तत्वाधान में शास्त्री भवन, झीपरी बाजार झाँसी में मासिक साहित्यक सरस काव्य-संगोष्ठी सम्पन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ० प्रमोद कुमार अग्रवाल ‘साहित्य भूषण’ [ से० बि आई ए०एस०] द्वारा की गई। मुख्य अतिथि श्री अनिल कुमार (मुख्य सैनाधिकारी झाँसी] एवं विशिष्ठ अतिथि बुंदेली गौरवकवि श्री उमाशंकर खरे (उवेश) डॉन वी० वी० त्रिपाठी ,श्री मति प्रगति शंकर सहाय, श्रीमती अरुण कुमार हिंगवासिया , श्री विजय शंकर बवेले (कामडोर, प्राचार्य सैनिक कल्याण स्कूल) श्री निहाल चन्द्र शिवहरे, श्री विजय प्रकाश सैनी, श्री मति प्रेमलता हिंग्वासिया, डॉ० सुखराम चुतुर्वेदी ‘फौजी आदि रहे। श्री मति संध्या निगम द्वारा प्रस्तुत ‘माँ सरस्वती की बंधना से गोष्ठी का सुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर श्री अरुण कुमार हिंगवासिया ‘अरुण’ द्वारा रचित प्रथम काव्य- संग्रह ‘ गीत मीत के’ एवं डॉ० प्रमोद कुमार अग्रवाल द्वारा रचित उपन्यास ‘मीर जाफर’ के आवरण का विमोचन किया गया। तत्पश्चात डॉ० सुश्री नीति शास्त्री जी सभी का स्वागत करते हुए संस्थान की ओर से रचनाकारों का सॉल-श्रीफल भेंटकर सम्मान भी किया गीत मीत के- काव्य संग्रह को परिचय दिया। काव्य- गोष्ठी में क्रमशः श्री मति ब्रजलता मिश्रा, डॉ० राजेश तिवारी, श्री मति रमा शुक्ला सखी’ श्री हरशरण शुक्ल धमेन्द्र सारांश ग्याप्रसाद “वर्मा वर्मा मधुरेश साकेत सुमन चतुर्वेदी, श्री अनूप शर्मा (मोठ) रविकुमार (ललितपुर) बालाप्रसाद यादव ( बाल कवि) श्याम शरण नायक प्रमोद समाधिया डॉ यश रावत , बाला प्रसाद यादव (बालकवि), हरिशंकर वाल्मीकि उस्मान अश्क, मो नियाज़ महोबी, नील मधु श्रीवास्तव, सपना बबेले, आस्था गुप्ता ,( अनुजा श्री) अरविंद श्रीवास्तव `असीम ` काशीराम सेन मधुप कैलाश नारायण मालवीय, संजय तिवारी राष्ट्रवादी, ब्राह्मदीन बंधु, कामता प्रसाद प्रजापति, डॉक्टर नीति शास्त्री ने काव्य – पाठ किया। गोष्ठी में डॉ शील कोपरा, अंबिका श्रीवास्तव, अब्दुल रशीद, राजीव हींगबसिया, निर्मला गुप्ता, बलवीर यादव, डॉ एस. वी. सिंह जब्बल , श्रीमती नीलम गुप्ता, सुषमा पंड्या, जीवन कुशवाहा, सुभाष चंद्र आदि अनेक श्रोतागण उपस्थित रहे। गोष्ठी का संचालन सुखराम चतुर्वेदी फौजी ने किया। संयोजन एवं आभार संपन्न डॉक्टर सुश्री नीति शास्त्री द्वारा किया गया।