झाँसी। तुलसी साहित्य अकादमी झाँसी इकाई की मासिक काव्य गोष्ठी संस्था अध्यक्ष डॉ. ब्रजलता मिश्रा की अध्यक्षता में एवं डॉ. राज गोस्वामी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम मां सरस्वती का पूजन अर्चन किया गया, सरस्वती वंदना डॉ. ब्रजलता मिश्रा ने की। “सखी अब है जीवन की शाम , जीवन भर के श्रम से हारा तन , कर लू विश्राम” गीत पढ़ा । उपस्थित कवि साहित्यकारों की पावन उपस्थिति में डॉ. बृजलता मिश्रा द्वारा रचित काव्यसंग्रह “मन की रागनी” का विमोचन किया गया । विमोचन के पश्चात अतिथियों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया । काव्यसंग्रह पर काव्य मनीषियों द्वारा अपने विचार व समीक्षा रखी गई और उसके साथ-साथ काव्य गोष्ठी भी सम्पन्न हुई । जिसमें डॉक्टर विजय प्रकाश सैनी ने “तुम अमृत की खोज में लगे रहे लोग जहर पी कर अमर हो गये ” कविता पढ़ी । डॉक्टर राजेश तिवारी मक्खन ने गीत गुनगुनाते हुए कहा “वृक्ष हमें देते हैं जीवन यह जीवन सफल बनाओ, तीर्थ व्रत और यज्ञ के के पहले एक एक वृक्ष लगाओ । दिनेश गुरुदेव ने अपने गीत में कहा कि ” बादल बरसे हम न भींगे कैसा ये तेरा आंगन ” । मुख्य अतिथि डा राज गोस्वामी ने बैठे हैं सौ सौ अस्सी के हम तो न ई उम्र के है , उन कोई हो सम्मान अपुन तो घर के है रचना पढ़कर वाहवाही लूटी ।डा अरुण कुमार हिंगवासिया , कृष्ण मुरारी श्रीवास्तव सखा , राम शंकर भारती , निहालचंद शिवहरे, साकेत सुंदर चतुर्वेदी, श्याम शरण नायक, गया प्रसाद वर्मा मधुरेश , शरद मिश्र , राम बिहारी सोनी तुक्कड़, संजय राष्ट्रवादी, अनूप गोस्वामी मानस मयूर आदि साहित्यकारो ने उपस्थित रहकर काव्य पाठ किया। संचालन अनूप गोस्वामी ने व आभार ज्ञापन संस्था के सचिव डा राजेश तिवारी मक्खन ने किया ।