** ब्राह्मण महिला समाज द्वारा सावन तीज उत्सव का भव्य आयोजन
** सामाजिक सौहार्द को बढ़ाने और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम:- श्रीमती सुशीला दुबे
** “एक पेड़ माँ के नाम” का लिया संकल्प
** उद्धव चरित्र की नाट्य प्रस्तुति को अत्यधिक सराहा गया
झांसी। ब्राह्मण महिला समाज द्वारा सावन तीज के पावन अवसर पर दिनांक 06 अगस्त-2025 को एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्रीमती सुशीला दुबे जी मुख्य अतिथि रहीं।
मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती सुशीला दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस आयोजन से न केवल सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिला, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ। कार्यक्रम में समाज की अनेक महिलाओं की सक्रिय सहभागिता को देख आयोजन अत्यंत सफल और सराहनीय रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई, जिसमें मंगलाचरण और देवी गीतों का सामूहिक गायन किया गया। इसके पश्चात विभिन्न रंगारंग प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें लोकनृत्य, तीज गीत, पारंपरिक वेशभूषा प्रतियोगिता आदि शामिल रहीं। श्रीमती ममता पचौरी, श्रीमती सुनीता अतुल दीक्षित, श्रीमती प्रतिमा रावत, श्रीमती प्रतिभा दुबे, श्रीमती चेतना दीक्षित,श्रीमती प्रीति शुक्ला एवं श्रीमती मुक्ता शर्मा द्वारा उद्धव चरित्र की नाट्य प्रस्तुति अत्यधिक सराहनीय रही।
ब्राह्मण महिला समाज द्वारा सावन तीज के पावन अवसर पर होटल यात्रिक में आयोजित कार्यक्रम में श्रीमती सुनीता अतुल दीक्षित एवं श्रीमती प्रीति शुक्ला द्वारा “मेंहदी राचन लागी बन्ना थारे नाम की” गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया जिसकी उपस्थित सभी महिलाओं ने ताली बजाकर उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्यों ने तीज पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं को समाज में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, तीज से जुड़ी परंपराओं — जैसे झूला झूलना, सोलह श्रृंगार, और सिंधारा — को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागी महिलाओं को स्मृति चिन्ह व उपहार स्वरूप सावन सौगातें प्रदान की गईं। पारंपरिक व्यंजनों का भी सभी ने आनंद लिया।
कार्यक्रम मे संचालन श्रीमती कविता मिश्रा व श्रीमती ममता पचौरी तथा श्रीमती भावना दुबे ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में ममता पचौरी, कविता मिश्रा, मुक्ता, सुमन पुरोहित, अपर्णा दुबे, सीमा दुबे, रेखा वैद्य, भावना, प्रीति, अरुणा, नीरू, प्रतिमा, नीतू, मीनू, मंजू, अंजू, स्वाति, गीता, छाया, अनीता, स्नेहलता, सुनीता, अनामिका, सोनिया आदि महिलाएं उपस्थित रहीं।