झांसी। कार्डियोलाजिकल सोसायटी आफ इंडिया के तत्वावधान में, उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा 30 वां वार्षिक सम्मेलन कार्डिकोन 2025 का शुभारम्भ आज दिनांक 08 फरवरी 2025 को राज विलास द पैलेस ओरछा, मध्य प्रदेश में हुआ। हृदय रोग के प्रदेश स्तरीय 30 वे वार्षिक सम्मेलन “कार्डिकोन 2025” का विधिवत् उदघाटन अपराहन 01:00 बजे डा० आर० आर० सिंह आयोजन अध्यक्ष की अध्यक्षता में, प्रोफेसर नागामलेश यू एम बैगलूरु, के मुख्य आतिथ्य में, डा० मयंक सिंह, प्रभारी प्रधानाचार्य म०ल०बा० मेडिकल कॉलेज, एवं डा० सुधाकर पांडे सी० एम० ओ० झांसी के विशिष्ट आतिथ्य में सरस्वती वंदना के पश्चात दीप प्रज्जवलन के साथ संपन्न हुआ।आयोजन अध्यक्ष डा० आर० आर० सिंह ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि डा० नागामलेश यू एम, जैसे वरिष्ठ एवं सुविख्यात हृदय प्रत्यारोपण सर्जन का झांसी में होना अहम बात है प्रोफेसर शरद चन्द्रा, सचिव, सी०एस० आई० यूपी चैप्टर द्वारा वार्षिक आख्या प्रस्तुत की गई अध्यक्षीय भाषण प्रोफेसर नवीन गर्ग, अध्यक्ष सी०एस०आई० यूपी चैप्टर द्वारा दिया गया। डा० अजय कुमार पांडे , चेयरमैन साइंटिफिक कमेटी द्वारा सम्मेलन में होने वाले विभिन्न वैज्ञानिक सत्रों की रुप रेखा प्रस्तुत की। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर मयंक सिंह ने कहा कि हृदय के रोग के प्रति हम सभी को सजग रहने की आवश्यकता है।विशिष्ट अतिथि डा० सुधाकर पांडे जी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, झांसी ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा इलाज के लिए नई – नई योजनाएं चल रही हैं । नवोदित चिकित्सकों के लिए भी सीखने का एक अच्छा अवसर होता है।मुख्य अतिथि प्रोफेसर नागामलेश यू एम,हृदय प्रत्यारोपण विशेषज्ञ, बैंगलूरु ने अपने मुख्य अतिथि अभिभाषण में सी०एस०आई० यूपी चैप्टर द्वारा इस विशाल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि नित नई विधियाँ सीखना और उस पर अमल करना एक सतत् प्रक्रिया है। हमें मरीजों के हित के लिए इलाज के और भी नये तरीके ढूंढने होंगे।उन्होंने हृदय प्रत्यारोपण के विषय में विस्तार से चर्चा की।उदघाटन कार्यक्रम के अंत में आयोजन सचिव डा० निर्देश जैन ने आभार प्रकट करते हुए कहा, कि मैं अभिभूत हूँ, प्रोफेसर नागामलेश यू एम सर ने हमारे आमंत्रण को सहजता से स्वीकार कर लिया। ऐसी महान हस्ती की उपस्थिति से ही इस भव्य आयोजन की सफलता निर्धारित हो गई है।डा० निर्देश जैन ने देश के विभिन्न स्थानों से आये सभी हृदय रोग विशेषज्ञों का, अपनी टीम का और सहयोगियों का आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का संचालन श्री पदमनाभन ने किया।सम्मेलन में विशेष रूप से डा० पंकज मनोरिया, प्रोफेसर आर० सी० अरोरा, प्रोफेसर डी० एन० मिश्रा, प्रोफेसर पी० के० जैन, प्रोफेसर नवनीत अग्रवाल, प्रोफेसर कुलदीप चन्देल, प्रोफेसर एन० एस० सैंगर, प्रोफेसर प्रवेश विश्वकर्मा केजीएमयू लखनऊ, प्रोफेसर बी० ए० मुरगनाथन तमिलनाडु, प्रोफेसर विकास अग्रवाल आई० एम० एस० बी० एच० यू०, डा० आलोक सिंह वाराणसी, प्रोफेसर उमेश्वर पांडे , डा० एस० पी० मिश्रा, डा० अभय गुप्ता, डा० विमश शुक्ला, डा० अनु निगम, डा० सतीश अग्रवाल, डा० रविशंकर डालमिया, डा० क्षितिज नाथ, डा० निपुन गुप्ता, डा० जकी सिद्दीकी, डा० मांडवी अग्रवाल, प्रोफेसर अवधेश शर्मा कानपुर, डा० आशीष अग्रवाल, डा० गौतम स्वरूप, प्रोफेसर सत्येन्द्र तिवारी एस० जी० पी० जी० आई० लखनऊ, प्रोफेसर रमन पुरी नई दिल्ली, प्रोफेसर अक्षय प्रधान केजीएमयू लखनऊ, डा० आर० के० सरन, डा० मोहम्मद अहमद, प्रोफेसर एम० यू० रब्बानी, डा० हर्ष अग्रवाल, प्रोफेसर नवीन गर्ग एस० जी० पी० प्रोफेसर प्रवीन कुमार जैन, झांसी, डा० मुकुल मिश्रा, डा० पी० आर० सिन्हा, डा० शरद चन्द्रा, प्रोफेसर आसिफ़ हसन ए० एम० यू० अलीगढ़, डा० राशि खरे नई दिल्ली, डा० विनेश जैन, डा० सुयश त्रिपाठी, डा० सुभाष चन्द्रा, प्रोफेसर गौरव चौधरी लखनऊ, डा० गौतम स्वरूप, प्रोफेसर नवीन जामवल, प्रोफेसर रुपाली खन्ना, प्रोफेसर सुदर्शन के. विजय, डा० माहिम शरन लखनऊ, डा० हिमांशु यादव आगरा, मीडिया प्रभारी प्रदीप श्रीवास्तव आदि का सराहनीय योगदान रहा। आज हर्ट फेल्योर (दिल की गति का रुकना), हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप), एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (हर्ट अटैक – दिल का दौरा), स्टेबल कोरोनरी हर्ट डिसीज (स्थिर कोरोनरी धमनी रोग) कार्डियक अरिथमिया (हृदय अतालता), रह्यूमेटिक हर्ट डिसीज, (आमवाती हृदय रोग), कंजिनाइटल हर्ट डिसीज (जन्मजात हृदय रोग), आदि विषयों पर सारगर्भित व्याख्यान देश के विशिष्ट हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा दिए गए।