हर हर महादेव, जय माँ गंगा के गूंजे जयकारे, माँ पंहूज नदी की महाआरती की
== दुर्गा उत्सव महासमिति द्वारा हुआ भव्य आयोजन
झांसी। गंगा दशहरा महापर्व पर दुर्गा उत्सव महासमिति के तत्वावधान में शंखनाद व घंटे घड़ियालो के मधुर स्वरों के बीच मा पंहूज (प्राचीन नाम पुष्पावती ) नदी की भव्य महाआरती हुई। इस दौरान हर हर महादेव और जय माँ गंगा के जयकारे लगाये गये और लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित किए।
कार्यक्रम में झांसी के विद्वान और झांसी के समस्त धर्मगुरु शामिल हुए। नंदनपुरा स्थित मा पंहूज नदी के घाट पर कलाकारों ने मधुर भजन गाये और श्री गणेश की वंदना की। इस दौरान घाट पर लोगों ने दीप प्रज्वलित किये और भक्ति भाव से पंहूज नदी की महाआरती की गयी। कार्यक्रम संयोजक पीयूष रावत ने कहा कि गंगा दशहरा पर्व पर माँ गंगा की पूजा आराधना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने मा पहूज नदी की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा जल हमें जीवन देता है। इसलिए जल की प्रमुख स्रोत नदियों को पवित्र मान कर उनकी पूजा-अर्चना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस अवसर पर दुर्गा उत्सव महासमिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम स्वामी, महामंत्री विनोद अवस्थी, महेश सराफ,मुकेश अग्रवाल, रवीश त्रिपाठी, ने महाआरती की और बताया कि पहूज) नदी की उत्पत्ति झांसी के समीप मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ ज़िले की पहाड़ियों में होती है। इस नदी का प्राचीन नाम पुष्पावती है। यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की राज्य-सीमा पर बहती है। उत्तर प्रदेश के जालौन ज़िले में इसका विलय सिन्ध नदी में होता है, जो स्वयं आगे जाकर इटावा ज़िले में यमुना नदी में विलय होती है। पहूज नदी (Pahuj River) भारत के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है। यह सिन्ध नदी की एक उपनदी है, जो स्वयं यमुना नदी की उपनदी है। पहूज नदी की लम्बाई लगभग 195 किमी है और झांसी के नगर से गुज़रती है। इस दौरान महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक, आचार्य राजीव पाठक, पार्षद रामजी यादव,हरिशंकर चौरसिया राजीव तिवारी , ,सत्येंद्र पुरी गोस्वामी, पवन गुप्ता ,जयदीप खरे, विकास अवस्थी, विशांत अवस्थी,दुष्यत यादव,सूरज गोयल,ध्रुव पंडित ,मानस पाठक,बेतली यादव,पवन यादव,बावा हरीश चंद्र,आरएन उपद्या, अनिल कुमार,अमित शर्मा,शिव कश्यप,आदि उपस्थित रहे।