शिक्षा, संज्ञात्मक, समाजिक और भावनात्मक बिम्बों की संवाहक: डॉ सुनील तिवारी
झांसी। आज जिला शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान में एकीकृत प्राथमिक शिक्षा प्रशिक्षण माड्यूल के अन्तर्गत सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी आफ कर्नाटक के फर्स्ट कोर्ट मेम्बर डॉ सुनील तिवारी ने एन ई पी के सम्बन्ध में अपने विचार रखते हुए कहा किशिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि यह संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के विभिन्न पहलुओं का विकास होता है, जो उसके जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
*संज्ञानात्मक विकास:*
– *ज्ञान और समझ*: शिक्षा व्यक्ति को विभिन्न विषयों में ज्ञान और समझ प्रदान करती है, जो उसके संज्ञानात्मक विकास में मदद करती है।
– *विचार और तर्क*: शिक्षा व्यक्ति को विचार और तर्क की क्षमता विकसित करने में मदद करती है, जो उसे समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाती है।
*सामाजिक विकास:*
– *सामाजिक कौशल*: शिक्षा व्यक्ति को सामाजिक कौशल प्रदान करती है, जो उसे दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने और संबंध बनाने में मदद करता है।
– *सामाजिक मूल्यों का विकास*: शिक्षा व्यक्ति में सामाजिक मूल्यों का विकास करती है, जो उसे समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करता है।
*भावात्मक विकास:*
– *भावनाओं का प्रबंधन*: शिक्षा व्यक्ति को अपनी भावनाओं का प्रबंधन करने में मदद करती है, जो उसे तनाव और दबाव के समय में भी शांत और संयमित रहने में सक्षम बनाती है।
– *आत्मविश्वास और आत्मसम्मान*: शिक्षा व्यक्ति में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का विकास करती है, जो उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
*शिक्षा की भूमिका:*
– *व्यक्तिगत विकास*: शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है।
– *सामाजिक प्रगति*: शिक्षा समाज की प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो उसे अधिक विकसित और समृद्ध बनाती है।
इस अवसर पर डाइट प्रवक्ता दीपक भारती, रेखा वर्मा, रामपाल सिंह, श्रीमती विजेता, डॉ आलम, अनिल शुक्ला सहित रसकेन्द्र गौतम, विनोद कुमार, राहुल त्यागी, बिहारी लाल, डॉ प्रियवंदा मिश्रा प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।
इस समय विकास खण्ड बबीना, मऊरानीपुर सहित नगर क्षेत्र के दो सौ प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक- शिक्षकाओं का प्रशिक्षण चल रहा है।