*इस वर्ष 10 दिन की होंगी शारदीय नवरात्रि पूजा 22 से प्रारंभ*
*प्रतिदिन नो देवी पूजन सूर्योदय से रात्रि पर्यन्त तक करेंगे भक्त*
*2 अक्टूबर को होगा दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन एवं विजया दशमी पर्व*
झाँसी। रानीमहल स्थित श्री गोपीनाथ जी के मंदिर में आज पत्रकार वार्ता में जिला धर्माचार्य महंत विष्णु दत्त स्वामी एवं महानगर धर्माचार्य आचार्य पं० हरिओम पाठक व ब्राम्हण महासंघ के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से बताया कि हिन्दु धर्म में शारदीय नवरात्र का विधान शक्ति उपासना द्वारा परिवार में सुख-समृद्धि, आरोग्य एवं सुयोग्य संतान की प्राप्ति के लिए किया गया है। दिनांक 22 सितम्बर को प्रातः से मध्याहन तक दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना, नवरात्र व्रत, कलश स्थापना, दुर्गा पाठ एवं शक्ति साधना का शुभ मुहूर्त है। इस बार नवरात्र 10 दिन की हैं। दिनांक 30 सितम्बर को महाअष्टमी, दिनांक 1 अक्टूबर को दुर्गा नवमी व्रत पारण एवं इसी दिन जबारों का विसर्जन होगा। इसी दिन यज्ञ हवन साधना अनुष्ठानों का समापन होगा। ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी ने वार्ता में बताया कि दिनाँक 2 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व एवं दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन दोपहर से लेकर देर रात्रि तक चलेगा इसी दिन शस्त्र पूजन होगा। भारत में भाईचारा, प्रेम व्यवहार वाला विजय पर्व भारतवासी सभी को पान खिलाकर व नीलकण्ठ के दर्शन करके मनायें। उन्होंने सभी दुर्गा उत्सव समितियों से अपील की कि दुर्गा मंचों पर अश्लील नृत्य एवं फूहड़ गीतों का प्रदर्शन बिल्कुल न करें एवं विद्युत समस्या को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पण्डालों में विद्युत का प्रयोग कम से कम करें। उन्होंने कहा कि दुर्गा उत्सव के दौरान प्रातः एवं रात्रि कालीन विद्युत कटौती नहीं की जाये एवं आरती के समय दुर्गा मंचों के आसपास पुलिस की विशेष व्यवस्था की जाये।
इस अवसर पर पं0 मनोज पाठक, पं0 मार्तण्ड स्वामी, पं0 मनोज चतुर्वेदी, संजीव त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे ।