जिलाधिकारी ने संभाली कमान, नहीं जलेगी पराली खेतों में इस बार
** मानसिकता में लाएं बदलाव तभी होगा पर्यावरण और मृदा का स्वास्थ्य बेहतर:- जिलाधिकारी
** डीएम ने किया जनपद के कंबाइन हार्वेस्टर मालिक एंव एफपीओ से संवाद, किसानों को करें मोटिवेट खेत में न लगाए आग
** सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम के बिना हार्वेस्टर चलाए जाने पर होगी सख्त कार्यवाही
** माननीय राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध :- जिलाधिकारी
** ग्राम में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं ना हो, ग्राम प्रधान खेत से ही फसल अवशेष का उठा कर पहुंचाए गौशाला
** बिना एस0एम0एस0 के चल रहे कंबाइन हार्वेस्टर को सीज़ करने के निर्देश
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने आज कलेक्ट्रेट नवीन सभागार में जनपद के समस्त कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों एवं एफ0पी0ओ0 के साथ एक बैठक की, और आव्हान किया की अब कंबाइन हार्वेस्टर बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग किए बिना नहीं होंगे संचालित। यदि फिर भी संचालित किए जाते हैं तो कंबाइन हार्वेस्टर को किया जाएगा सीज़।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जनपद के लगभग 198 कंबाइन हार्वेस्टर मालिक एफपीओ के सदस्यों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने एफपीओ को निर्देश दिए कि फार्म मशीनरी बैंक के कृषी यंत्रों को किसानों को किराए पर देकर पराली प्रबंधन में सहयोग करें। जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में बिना एसएमएस के कंबाइन हार्वेस्टर जनपद में नहीं चलाए जाएंगे और यदि ऐसा किया जाता है तो कार्यवाही करते हुए उन्हें सीज़ किया जाएगा। उन्होंने कृषकों से अपील करते हुए कहा कि खेत में आग ना लगाएं, कृषि अवशेष/घरों का कूड़ा खेत में किसी भी दशा में न जलाए गौशाला में देना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि जनपद में विकासखंड मोंठ,चिरगाँव और बड़ागांव में धान के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है की कटाई शुरू होने को है, अब ज़िम्मेदारी अधिक है कि उन्होंने को किसानों को मोटिवेट करें कि खेत में आग लगाने से अथवा कृषि अवशेष को जलाने से जहां एक और वायुमंडल दूषित होता है, वही खेत के मित्र कीट भी मृत होते हैं साथ ही मृदा के पोषक तत्वों की भी क्षति हुई होती है। जिस कारण पैदावार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि मा0 राष्ट्रीय हरित अभिकरण के अदेशानुसार फसल अवशेष जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है। उन्होंने कहा केन्द्रीय सरकार राष्ट्रीय राजधानी और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायुमंडल गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम में संशोधन किया गया है। नियम 2024 पर्यावरण विभाग के निर्देशानुसार 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिये रु 5000/-, 02 से 05 एकड क्षेत्र के लिये रु 10000/- एवं 05 एकड़ से अधिक के लिये रु 30000/- तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जनपद में पराली की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व अनुभाग द्वारा राष्ट्रीय हरित अभिकरण अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत क्षति पूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लघंन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थ दण्ड लगाये जाने का प्राविधान है।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि धान पैदावार करने वाले कृषकों के खेत पर पराली संग्रह करने हेतु तथा कृषकों के खेत से गौशाला तक पराली ढुलान का उत्तरदायित्व ग्राम प्रधान को दिया जाए, ग्राम प्रधान ऐसे काश्तकारों को चिन्हित करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही पराली का गौशाला स्थल में पशुओं के बिछावन या अन्य उपयोग में भी लाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि राजस्व ग्राम के लेखपाल को यह जिम्मेदारी दी गयी है कि वह अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलने की घटनाये बिलकुल न होने दे, यदि इस प्रकार की कोई घटना उनके क्षेत्र में पाई जाती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही का प्राविधान है, इसके अतिरिक्त जनपद के समस्त थाना प्रभारियों को निर्देश दिये गये है कि वह अपने क्षेत्र में फसल अवशेष को जलने से रोकने के लिये प्रभावी कार्यवाही करें तथा किसी भी दशा में फसल अवशेष न जलने दें।
उन्होंने कहा की धान कटाई के प्रारम्भ होने से पूर्व सचल दल यह भी सुनिश्चित करेगा कि फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रॉमैनेजमेण्ट सिस्टम (एस0एम0एस0) अथवा स्ट्रारीपर स्ट्रा रेक एवं बेलर का उपयोग किया जा रहा हो तथा उक्त यत्रों के बिना कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई करने पर कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी श्री मृदुल चौधरी ने कृषि विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वह जनपद में चलने वाली कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रॉमैनेजमेण्ट सिस्टम (एस0एम0एस0 ) अथवा स्ट्रारीपर स्ट्रा रेक एवं बेलन के बिना चलती पाएं तो सम्बन्धित क्षेत्र के लेखपाल तहसीलदार एवं उप जिलाधिकारी को सूचना करते हुये तत्काल सीज़ करने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री संदीप शर्मा, विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री दीपक कुशवाहा, श्री राज कुमार, सहायक अभियंता श्री संजय कुमार, श्री बलवान सिंह ग्राम भोजला, श्री आत्माराम सहित उप कृषि निदेशक , जिला कृषि अधिकारी व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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जिला सूचना कार्यालय द्वारा
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