85 साहित्यकारों का हुआ सम्मान
झाँसी । बाबू श्यामलाल सैनी साहित्य सेवा संस्थान के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार कवि विजय प्रकाश सैनी द्वारा लिखित पुस्तक “में कहता आंखन देखी” का भव्य विमोचन वरिष्ठ साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्षता पण्डित रामसेवक पाठक हरिकिंकर, मुख्य अतिथि पण्डित बाबूलाल द्विवेदी और द्वितीय सत्र में आयोजित विराट कवि सम्मेलन की अध्यक्षता उमाशंकर खरे उमेश और डॉ नीति शास्त्री ने संयुक्त रूप से की ने की, विशिष्ठ अतिथि डॉ. राम शंकर भारती, डॉ बृजलता मिश्रा, डॉ. प्रताप नारायण दुबे, कृष्ण मुरारी सखा, राज गोस्वामी, डॉ. नीति शास्त्री, आलोक शांडिल्य, पन्नालाल असर, पूर्व आईएएस प्रमोद अग्रवाल, शुकदेव व्यास आदि रहे। मुख्य आयोजक डॉ. विजय प्रकाश सैनी, आयोजक डॉ. राजेश तिवारी मक्खन, संयोजक संजय राष्ट्रवादी, शरद मिश्र, विकास अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत और सम्मान स्मृतिचिन्ह, शॉल श्रीफल और मोतीमाला पहनाकर किया। पुस्तक “में कहता आंखन देखी” की समीक्षा करते हुए उपस्थित अतिथियों सत्यप्रकाश शर्मा ने समाज को दिशा देने वाली प्रेरक कृति निरूपित किया, वहीं समालोचक डॉ भारती ने कबीर की अक्खड़ता और निराला की फक्कड़ता की धारा से जुड़ा साहित्य बताया, लोकभूषण पन्नालाल असर ने पुस्तक को जमीनी और ग्रामीण परिवेशित कृति बताया ।हिन्दी साहित्य भारती द्वारा पुस्तक के लेखक डॉ विजय प्रकाश सैनी का सम्मानपत्र, शॉल श्रीफल अंगवस्त्र आदि से सम्मान किया गया। संचालन हिन्दी साहित्य भारती जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश तिवारी मक्खन और महानगर अध्यक्ष संजय तिवारी राष्ट्रवादी ने संयुक्त रूप से किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात डॉ. बृजलता मिश्रा द्वारा सरस्वती वन्दना और रामकुमार पाण्डेय झटपट द्वारा गणेश वंदना की गयी। भोजन अवकाश के पश्चात द्वितीय सत्र में कवि सम्मेलन में सभी उपस्थित कवि साहित्यकारों द्वारा उत्कृष्ट काव्यपाठ किया गया। वरिष्ठ रंगकर्मी माताप्रसाद शाक्य द्वारा सड़क सुरक्षा के सन्दर्भ में एकल नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से उपस्थित समुदाय को जागरूक किया गया। उपस्थित समस्त साहित्यकारों कवियों को “बाबू श्यामलाल सैनी स्मृति साहित्य गौरव सम्मान 2024” से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले साहित्यकार डॉ. प्रताप नारायण दुबे, कृष्ण मुरारी सखा, यज्ञदत्त शर्मा, साकेत सुमन चतुर्वेदी, डॉ. राम शंकर भारती, भगवान सिंह राही, गयाप्रसाद वर्मा मधुरेश, राम बिहारी सोनी तुक्कड़, डॉ. निहाल चंद्र शिवहरे, सी बी राय तरुण, अरुण हिंगवासिया, आलोक शांडिल्य, हरशरण शुक्ल, अर्जुन सिंह चांद, संजीव दुबे, राहुल मिश्रा, प्रमोद अग्रवाल, डॉ. के के साहू, ब्रह्मदीन बंधु, कैलाश नारायण मालवीय, अताउल्लाह खान, काशीराम सेन मधुप, डॉ. बृजलता मिश्रा, संध्या निगम, संगीता निगम सुरभि, रमा शुक्ला सखी, उमा शर्मा उमंग, सपना बबेले स्वरा, डॉ. सुमन मिश्रा, डॉ. राजेश तिवारी मक्खन, संजय तिवारी राष्ट्रवादी, शरद मिश्र, कामता प्रसाद प्रजापति, आरिफ शहङोली, जगत मोहन हरि, अनूप मिश्रा अनुपम, अतीश कुमार अनन्त, डॉ. गौरी शंकर उपाध्याय सरल, राम नारायण शर्मा, सत्य प्रकाश शर्मा, राज गोस्वामी, लोकभूषण पन्नालाल असर, डॉ. अरविंद असीम, डॉ. रवींद्र गुप्त, राम सेवक पाठक हरिकिंकर, डॉ. ओमप्रकाश हयारण दर्द, डॉ. रमेश बाजपेई, सुशील जैन, डॉ. रामकुमार पांडे झटपट, बालकवि बालाप्रसाद यादव, डॉ. सुखराम चतुर्वेदी फौजी, डॉ. नीति शास्त्री, रवीश त्रिपाठी, दिनेश गुरुदेव, श्याम शरण नायक सत्य, मंजू खरे, उमाशंकर खरे उमेश, आशाराम वर्मा, बलराम सोनी विशिख, गिरिजा शंकर कुशवाहा कुशराज, उदय सोनी, दिनेश कुमार शर्मा चिंतक, यदुवंशी बद्री, तेजभान सिंह बुंदेला, संतोष अग्निहोत्री, अब्दुल जब्बार शारिब, जगत शर्मा, भानु शर्मा, मनीराम शर्मा, पूरन चंद्र शर्मा, सुंदरलाल श्रीवास्तव, कमलकांत शर्मा, रामनिवास तिवारी, बाबूलाल द्विवेदी, विजयानंद मिश्रा, रामनरेश रमन, डॉ. अरुण नागर, अजय साहू दाऊ, डॉ. मोहम्मद नईम, मनमोहन भटनागर, राकेश सोनी, शान्ति शर्मा, डॉ. संतोष पटेरिया आदि का सम्मान हुआ। इस अवसर पर सुदर्शन शिवहरे, मनमोहन मनु, कुलदीप सैनी, आदित्य सैनी, संजय सैनी, बबीता सैनी आदि सहित सैकड़ों अतिथि श्रोता उपस्थित रहे।
