स्वामी संदीपनी जी महाराज को प्रदान किया गया गौरवशाली आध्यात्मिक सम्मान
झांसी। भगवान श्री सीताराम जी एवं हनुमान जी महाराज की असीम कृपा से एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। परम श्रद्धेय सद्गुरुदेव स्वामी संदीपनी जी महाराज को ‘जगद्गुरु स्वामी संदीपनी आचार्य महाराज’ की प्रतिष्ठित उपाधि से विभूषित किया गया। यह पट्टाभिषेक समारोह अत्यंत पावन और विधिवत रूप से संपन्न हुआ।यह शुभ आयोजन अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा के तत्वावधान में दोपहर 12 बजे संपन्न हुआ। इस महान अवसर की अध्यक्षता अयोध्या के पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री कुरेशाचार्य जी महाराज ने की। इस समारोह में अनेक संतों, आचार्यों, धर्मगुरुओं एवं हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही, जिसने सनातन धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ दिया।स्वामी संदीपनी जी महाराज का जीवन भक्ति, धर्म एवं तपस्या का प्रतीक है। जगद्गुरु के रूप में, वे अपनी दिव्य ज्ञानधारा के माध्यम से संपूर्ण मानवता को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। उनकी शिक्षाएँ आध्यात्मिक जागरण और सर्वकल्याण के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगी। यह प्रतिष्ठा सनातन धर्म के मूल्यों के संरक्षण को और अधिक सशक्त बनाएगी।यह अवसर सनातन धर्म की गरिमा की पुनःस्थापना के रूप में देखा जा रहा है, जिससे भक्तगण असीम आनंद और श्रद्धा से अभिभूत हैं। आइए, हम सब इस पावन क्षण का उत्सव मनाएँ और अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का संकल्प लें।स्वामी संदीपनी जी, जो एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रवक्ता हैं, सुमार्ती आश्रम के संस्थापक हैं और साथ ही यूके के प्रसिद्ध सनातन संस्था (SSUK) के प्रमुख मार्गदर्शक एवं ट्रस्टी भी हैं। यह संस्था यूके में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रही है और लंदन के ब्रिटिश संसद में भगवद गीता एवं श्री राम मंदिर के कार्यक्रमों का आयोजन कर चुकी है।स्वामी संदीपनी जी एक पीएचडी विद्वान हैं, जिन्होंने अपना कॉर्पोरेट जीवन त्यागकर समाज कल्याण और सनातन धर्म के उत्थान हेतु अपना जीवन समर्पित किया। उन्हें “पीएचडी बाबा” के नाम से भी जाना जाता है। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति माँ गंगा के दिव्य आशीर्वाद को भक्तों तक पहुँचाने के लिए विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।