• Mon. Dec 1st, 2025

BKT News24

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें, BKT News24

श्री रामचरित मानस सम्मेलन में हुई अमृतमय कथा की वर्षा साथ ही कथा सुनकर श्रोता हुए भाव विभोर*

ByBKT News24

May 27, 2025


*श्री रामचरित मानस सम्मेलन में हुई अमृतमय कथा की वर्षा साथ ही कथा सुनकर श्रोता हुए भाव विभोर*

*रामकथा के रसिया है श्री हनुमान जी महाराज – वंदना उपाध्याय*

झाँसी- प्रेमनगर नगरा में स्थित कस्तूरबा कन्या कन्या इंटर कॉलेज में श्री रामचरित मानस समिति के तत्वावधान में 65 वाँ संगीतमयी श्री रामचरित मानस सम्मेलन के चतुर्थ दिवस में समस्त भक्तों ने संगीतमय प्रवचन श्रवण किए। सर्वप्रथम मंगल कलश सहित श्रीरामचरित मानस का पूजन-अर्चन कर आरती की। उनके पश्चात भक्तों को प्रवचन श्रवण कराते हुए पूज्य साध्वी वंदना उपाध्याय मानस कोकिला बुंदेलखंड ने कहा कि श्री हनुमान जी महाराज रामकथा के रसिया है और साथ ही भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर श्रोता आनंदित हो गए। और पूज्य आचार्य राजेन्द्र पाठक जी महाराज ने कहा कि हिंदू धर्म में भगवान श्री हनुमान जी की पूजा सभी संकटों, शोक, भय और रोग आदि को दूर करने वाली मानी गई है. सप्तचिरंजीवी में से एक श्री हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो हर युग में मौजूद रहते हैं और अपने भक्तों द्वारा सुमिरन करने मात्र पर ही उनकी रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं. मान्यता है कि मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी की पूजा में गोस्वामी श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित सुंदरकांड का पाठ करने से साधक पर शीघ्र ही हनुमत कृपा बरसती है और जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है और पूज्य संत श्री रामबालक दास जी महाराज ने कहा कि श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास मिला। सुमंत के साथ भगवान गंगा जी के तट पर पहुंचे। केवट से भगवान ने नाव मांगी, लेकिन वह नहीं लाता है। वह कहता है मैंने तुम्हारा मर्म जान लिया। तुम्हारे चरण कमलों की धूल के लिए सब लोग कहते हैं कि वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है। वह कहता है कि पहले पांव धुलवाओ, फिर नाव पर चढ़ाऊंगा। प्रवचन सुनकर भक्त भाव विभोर हुए तथा इस मौके पर पं.मैथिलीशरण मुदगिल वरिष्ठ समाजसेवी, डॉ.जितेंद्र तिवारी, ठा. अरुण सिंह, आत्माराम सिरोठिया, रमाशंकर मिश्रा, रमेश मिश्रा, नागेश तिवारी, हरिशंकर शुक्ला, विनोद शर्मा, मनोज संज्ञा, राजेश संगपाल, आदेश चतुर्वेदी, रामकुमार ज्ञानी, गनेश खरे, रमेश धमनया, इन्द्ररपाल सिंह खनूजा, नरेश मिश्रा, दीपचंद्र, विश्वनाथ मिश्रा, चंद्रमोहन तिवारी, भवानी शंकर उपाध्याय सहित आदि लोगो मौजूद रहे। कार्यक्रम संचालन प्रधानाचार्य पं.सियारामशरण चतुर्वेदी ने किया।अंत मे आभार ज्ञापन कुलदीप अवस्थी ने किया।


error: Content is protected !!