*एम.एस.राजपूत इंटर कॉलेज में 151 शिक्षकों को शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित*
*एम.एस.राजपूत इंटर कॉलेज में 151 शिक्षकों का शिक्षक सम्मान समारोह हुआ सम्पन*
झाँसी – . सर्वपल्ली राधाकृष्ण पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस के रूप में मानने वाले शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एम.एस.राजपूत इंटर कॉलेज परिसर प्रेमनगर नगरा में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि डॉ.बाबूलाल तिवारी शिक्षक विधायक”प्रयागराज-झाँसी खंड क्षेत्र” व अति विशिष्ट अतिथि श्रीमती रमा आर.पी.निरंजन एम.एल.सी. झाँसी-ललितपुर-जालौन तथा विशिष्ट अतिथि श्रीमती शिवांगी प्रणय मुदगिल ने 151 शिक्षको को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उन्हें दक्षता पुरुस्कार का प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता पं.मैथिलीशरण मुदगिल वरिष्ठ समाजसेवी ने की। सर्वप्रथम प्रमुख अतिथियो ने माँ सरस्वती जी एवं डॉ.एस.राधा कृष्णन जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया उसके पश्चात दीपप्रज्जलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में अतिथि के रूप विद्यालय प्रबंधक ठा.अरुण सिंह,रामआसरे गुप्ता वरिष्ठ समाजसेवी,आनंद कुमार सक्सेना चीफ वार्डेन नागरिक सुरक्षा कोर झाँसी,अनिल तिवारी आदि लोग उपस्थित रहें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.बाबूलाल तिवारी शिक्षक विधायक”प्रयागराज-झाँसी खंड क्षेत्र” व अति विशिष्ट अतिथि श्रीमती रमा आर.पी.निरंजन एम.एल.सी. झाँसी-ललितपुर-जालौन तथा विशिष्ट अतिथि श्रीमती शिवांगी प्रणय मुदगिल सहित अतिथियों को माला पहनाकर एवं बेच लगाकर स्वागत सम्मान ऋषभ सिंह,रोहन सिंह,वैभव सिंह,ए. सलीम खान,नजाकत अली हाशमी ने किया उसके पश्चात संबोधन में डॉ.बाबूलाल तिवारी शिक्षक विधायक ने कहा कि गुरु समाज का पथप्रदर्शक होता है वह बच्चों को ज्ञान के साथ जीवन जीने की कला भी सिखाता है ने कहा कि शिक्षक रूपी गुरु बाल अवस्था के उपरांत जब बच्चे की उम्र शिक्षा ग्रहण करने की होती है तो उसको पाठशाला में भेज दिया जाता है। वहां ना सिर्फ शिक्षा बल्कि व्यावहारिक ज्ञान, नैतिकता, जैसे जीवन के प्रत्येक पहलू पर ध्यान देते हुए, बालक को निखारा जाता है। तब माता पिता के साथ साथ एक शिक्षक अथवा अध्यापक की भूमिका गुरु रूप में होती है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक विशेष मार्गदर्शक की भूमिका अदा करते है। वर्तमान समाज मे अपने जीवन व्यापन करने के लिए शिक्षा बहुत उपयोगी है जो भी हमें गुरु द्वारा प्रदान की जाती है व श्रीमती रमा आर.पी.निरंजन विधान परिषद सदस्य ने कहा कि कि जीवन में सभी रिश्ते अनमोल होते हैं, लेकिन माता पिता का स्थान गुरु रूप में अहम योगदान देता है जिसमें मां हमारी प्रथम गुरु होती है। वह हमारा दुनिया से साक्षात्कार करवाती हैं। माता पिता हमें सबसे ज्यादा प्रेम निस्वार्थ भाव से करते हैं जो हमारा पालन पोषण तथा जीवन प्रणाली की संरचना करते है। प्राचीन काल से ही बच्चे की प्रथम पाठशाला माता-पिता ही संचालित करते है क्योंकि माता पिता ही वो हमारे पहले गुरु होते है जो हमे बोलना सिखाते है, अंगुली पकड़ कर चलाना सिखाते है। हमारे बचपन का आधार होते है व माता पिता के साथ जीवन मे शिक्षक की अहम भूमिका होती है व कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ तथा जिसमें मुख्य रूप से जिन शिक्षकों को सम्मानित किया उनमें श्री दीपचंद्र,डॉ.अचल सिंह चिरार, प्रदुम्न दुबे,बालमुकुंद अग्रवाल,आदेश चतुर्वेदी,मोहन लाल सुमन,गुरुजीत सिंह खनूजा,सत्यप्रकाश मिश्रा,मनीष गुप्ता,अजय अनुरागी,कुलदीप अवस्थी,मनोज शाक्या,हिमांशु शर्मा,नजाकत अली,कल्पना शर्मा,चंद्रा शर्मा,अंजली प्रजापति,अनुपमा रावत,प्रियंका शिवहरे,शीतल कुशवाहा,पिंकी रानी,निशा गौड़,जयश्री,पूनम मिश्रा सहित आदि शिक्षकों को सम्मानित किया गया व कार्यक्रम का संचालन मुख्य संयोजक पं.सियारामशरण चतुर्वेदी प्रधानाचार्य एम.एस.राजपूत इंटर कॉलेज ने किया अंत मे आभार संदीप साहू नगरा ने किया।