*अल्लाह के मखलूक की खिदमत करे : आदिल रज़ा कादरी*
*जश्ने गौसुलवरा, फैज़ाने सरकार बांसा कॉन्फ्रेंस आस्ताना-ए- सरकार बांसा अपिया हुजूर में सम्पन्न*
*झांसी ।* मदरसा अल जामियातुल राज्जाकिया सोसायटी आस्ताना-ए- सरकार बासा अपिया हुजूर महाराज सिंह नगर पुलिया नंबर 9 झांसी में खानकाहे सरकार बांसा जिला बाराबंकी अश्शाह मोहम्मद उमर जीलानी की जेरे सदारत (अध्यक्षता) में व सय्यद बादशाह हुसैन कादरी की निगरानी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जश्ने गौसुलवरा फैज़ाने सरकार बांसा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान मदरसे से तालीम हासिल कर कुरआन हिफ्ज़ (याद) करनें पर छात्र हाफिज मोहम्मद अमान, हाफिज मोहम्मद गाजी रज़ा, हाफिज मोहम्मद रेहान को हाफ़िज़ की डिग्री दी गई। कार्यक्रम शनिवार की सुबह फजिर के बाद कुरानखानी हुई जिसमे भारी संख्या में लोगो ने कुरआन पड़ा फिर दोपहर दो बजे बड़े पीर साहब शेख अब्दुल कादिर जीलानी गौस पाक की फातिहा हुई और लंगर (प्रसाद) तक्सीम (वितरण) किया गया इस मुबारक मौके पर मुल्क व आवाम की कामयाबी, सलामती और तरक्की के लिए दुआ की गई। लोगो को अल्लाह पर भरोसा करते हुए नमाज कायम करने और कुरान की तिलावत करने की हिदायत (नसीहत)दी गई। गौसे आज़म की शिक्षाओं और सेवाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुसलमानों को जीवन में ज्ञान, कर्म और प्रेम की राह अपनाने को कहा।
जश्ने गौसुलवरा, फैज़ाने सरकार बांसा कॉन्फ्रेंस के दौरान सैयद आदिल रज़ा कादरी ने कहा कि ग्यारहवीं शरीफ का महीना यह पीरों के पीर शेख सैय्यद अबू मोहम्मद अब्दुल कादिर जीलानी रहमतुल्लाह अलैह से निस्बत रखता है।
अल्लाह ने अपने हबीब को खूब खूब नेअमते अता फरमाई। अल्लाह पर भरोसा करना ही मुक्कमल दीन है। उन्होंने गौस पाक की शान बयान करते हुए कहा कि सारे वलियों में गौस पाक की शान सबसे आला है। गौस पाक ने बचपन ही से दीन की खिदमत की है। गौस पाक को अल्लाह ने मां के पेट से विलायत अता फरमाई है। गौस पाक मां के पेट से कुरान के हाफिज पैदा हुए। उन्होंने कहा कि औलिया-ए-कराम की जिंदगी देखे तो उन्होंने अल्लाह के मखलूक की खिदमत की है, और जो अल्लाह के मखलूक की खिदमत करे वो अल्लाह को सबसे ज्यादा महबूब और पसंद है। तकरीर करते हुए वलियों की शान में कहा कि अल्लाह के वलियों को ना किसी चीज का कोई खौफ है और ना ही कोई ग़म। मुफ्ती फुरकान रजा मंजरी ने कहा कि नमाज की पाबंदी जरूरी है, अल्लाह के वली शेख अब्दुल कादिर जिलानी रात-रात भर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते थे। अल्लाह की अता से नबी और रसूल को अल्लाह ने बड़ा मर्तबा दिया है। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने अब्दुल कादिर जिलानी को तमाम फ़जिलतो से नवाजा है।इस अवसर पर सैयद फैजाने मुस्तफा, सूफी तहसीन अहमद, सैयद शाह रेहान, सैयद मोहम्मद सालिम अल्वी, मौलाना तौहीद आलम, अब्दुर्रहीम, फिरदौस रजा कादरी, कलीम दानिश, मौलाना मोहम्मद इमरान, कारी मोहम्मद जमील, मौलाना मुफ्ती अहमद राजा, मौलाना अब्दुल अज़ीज़ निजामी, हाफिज मोमिन, हाफिज कादिर, कारी अबरार, हाफिज राशिद, हाफिज सलमान, मौलाना सोहेल, हाफिज नसीब, मुफ्ती आमिर हसन अमजदी, हाफिज रिजवान, मौलाना मोहसिन, मुफ्ती मुबारक अली, कारी अनस चिश्ती, कारी तनवीर, मुफ्ती करीमुल्लाह, मौलाना दाऊद रजा, कारी गुलाम गौस हाफिज दानिश, कारी सलीम, हाफिज अत्ताउल्लाह, अब्दुल वाहिद, शहर काजी मौलाना हाशिम, कारी अबरार, हाफिज कारी जमील साहब पेश इमाम मदीना मस्जिद, हाफिज सलीम अहमद, हाफिज रिजवान अशरफी, हाफिज सलमान, हाफिज मुबारक अली, हाफिज शरीफ गौसे आजम का जिक्र किया। इस अवसर पर सैय्यद बशारत अली, अब्दुल रहमान, आदिल, अब्दुल वाहिद, अलीम मास्टर, सुल्तान, सादिक, आरिफ खान, मेहताब, सलीम, राम सहाय, इंतजार अली, शफीक खान , हाजी नईम कुरैशी , फैजान, कदीम अहमद, मुहम्मद अली, अब्दुल गनी, सिराज, संजय, आशिक, आसिफ, अरबाज, हाजी सलीम, बबलू भाई, मुमताज मास्टर हाजी इनायत मौजूद रहे। निजामत (संचालन) कारी आदिल जमील व कारी अजहर ने की। आभार सूफी अफराज हुसैन सिद्दीकी ने व्यक्त किया।