जनपद में इक्रिसैड के साथ होंगे जल संरक्षण/जल संवर्धन के कार्य, बनाए जाएँगे वाटर शेड
क्षेत्र के किसानों को मिलेगा लाभ,सामाजिक सुधार के साथ आर्थिक स्थिति में भी होगा सुधार
कृषि विभाग,लघु एवं सूक्ष्म सिंचाई,भूगर्भ जल विभाग एवं सिंचाई विभाग के आपसी ताल-मेल से तैयार होंगें वाटर शेड
जनपद में इक्रीसेट के साथ 30 वाटर शेड बनाए जाने की हुई तैयारी
झांसी। जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने विकास भवन सभागार में इक्रीसेट हैदराबाद के वैज्ञानिकों साथ जनपद में वाटर शेड बनाने हेतु जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के कार्यों पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में जिलाधिकारी ने कृषि विभाग,लघु सिंचाई विभाग,भू-गर्भ जल विभाग एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया की इक्रीसेट के आपसी सहयोग से वाटर शेट का निर्माण किया जाना है, जनपद में यह एक पायलट प्रोजेक्ट है। वाटर शेड के कार्य को आपसी सामंजस्य के साथ चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाना है।बैठक में यह भी चर्चा की गयी कि अलग-अलग चरणों में झाँसी जिले के अंतर्गत एक-साथ दो वाटरशेड विकसित किये जायेंगे, जिसमें से एक इक्रीसेट द्वारा एवं दूसरा झाँसी जिले के सभी लाइन डिपार्टमेंट के द्वारा विकसित किया जायेगा। प्रत्येक साइट का क्षेत्रफल लगभग 20000-25000 हेक्टेयर होगा। जिलाधिकारी ने अपने विभागीय अधिकारीयों को निर्देश दिए कि आप सभी सम्मिलित रूप से इस कार्य को करें।यह पहल झाँसी जिले में जलसंरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार अध्यक्षता में आहूत बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद सहित इस बैठक में इक्रीसेट, हैदराबाद के वैज्ञानिक गण डॉ कौशल गर्ग, डॉ अनंता, डॉ वेंकटराधा एवं श्री आर के उत्तम ने हिस्सा लिया। बैठक में इक्रीसेट के द्वारा टहरौली तहसील में विकसित किये जा रहे वाटरशेड की तर्ज पर जिले में भी वर्षा जलसंरक्षण द्वारा पानी की कमी एवं क्षींण भूमि के उन्मूलन द्वारा सामुदायिक सशक्तिकरण पर कार्य किये जाने पर चर्चा की गयी। इक्रिसेट द्वारा वाटरशेड विकसित करने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करने एवं विस्तृत परियोजना तैयार करने के लिए आवश्यक आंकड़े एकत्र करने के लिए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के उपयोग पर एक विस्तृत व्याख्यान डॉ वेंकटराधा के द्वारा दिया गया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने इक्रिसेट द्वारा तैयार किये गए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की सराहना की। डॉ वेंकटराधा ने अपने व्याख्यान के दौरान यह भी प्रदर्शित किया कि कैसे सम्पूर्ण झाँसी जिले को 30 छोटे छोटे वाटरशेड में बांटा जा सकता है। साथ ही उन्होनें प्राथमिकता एवं आवश्यकता के आधार पर इन 30 वाटरशेड को क्रमित भी किया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद ने सहयोगी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए इक्रीसैट के वैज्ञानिकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उनके दिए मार्गदर्शन के अनुसार कार्य किया जाना सुनिश्चित किया जाये ताकि कार्य में शतप्रतिशत सफलता प्राप्त हो। इस अवसर पर नोडल विभाग डीडी कृषि श्री एमपी सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई श्री उमेश कुमार, भूगर्भ जल श्री मनीष कन्नौजिया सहित लघु सिंचाई एवं समस्त भूमि संरक्षण अधिकारी उपस्थित रहे।