कर्म का फल अवश्य ही भोगना पड़ता है !
टिंकू महाराज कोटरा,
मोंठ ( झांसी)तहसील के कस्बा स्थितचिरगांव रेलवे स्टेशन त्यागी जी आश्रम के पास सुरजन पैलेस में कथा के द्वितीय दिवस बुंदेलखंड क्षेत्र के सुप्रसिद्ध भागवत आचार्य शास्त्री पंडित कृष्ण बिहारी तिवारी भरसूडा वाले कोटरा के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से कर्म फल का महत्व बताया गया जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसका फल जब तक व्यक्ति नहीं भोग लेता जब तक उसका मोक्ष नहीं होता है चाहे 100 जन्म ही क्यों ना लेना पड़े धृतराष्ट्र ने 100 में जन्म पहले हंस हंसिनी के अंडों को फोड़कर दवा बनाकर अपने आंखों में डाल लिया था उसी के फल स्वरुप वह अंधे पैदा हुए उनके सामने 100 पुत्र मारे गए पितामह भीष्म ने भी अपना कर्म फल होगा कर्म दंड से कोई नहीं बच सकता ऐसे अनेक उदाहरण शास्त्री जी ने दिए इसलिए व्यक्ति को बहुत सावधानी पूर्वक कम करना चाहिए अच्छे बुरे कर्म फल से कोई व्यक्ति नहीं बच सकता कथा के मुख्य अजमान किरण देवी रामबाबू यादव ने महापुराण की आरती की कथा प्रांगण में त्यागी जी आश्रम के महंत श्री श्री 1008 श्री साकेत बिहारी दास जी महाराज उपस्थित रहे प्रेम कुमार विर्थरे संतोष विर्थरे सरोज यादव श्याम बाबू यादव बृजेंद्र यादव आशीष खं ताल प्राचार्य मोहर सिंह मन्नू लाल महाराज सिंह छबिलाल थान सिंह सुरेंद्र सिंह महेंद्र सिंह बजेंद्र सिंह धर्मेंद्र सिंह मुकेश नेता यादव सोनू बृजेंद्र भैया ऋषि यादव ies रेलवे रेशु ध्रुव चंद्रपाल आदि मौजूद रहे संगीत में फौजी यादव डिकोली कीबोर्ड सुनील गौतम पैड ओरई हरनारायण गौतम झबरा नाल सुरेंद्र यादव पैड कल्यान् पुरा संजय महाराज चित्रकूट राम बिहारी तिवारी अमित महाराज महाराज कोटरा ने श्रीमद् भागवत महापुराण का पूजन पाठ किया।